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लक्ष्मण टीला के प्रांगण के अनुसंधान, सर्वे और खुदाई की मांग

 लखनऊ। लक्ष्मण टीले के मामले को लेकर हिन्दूवादी नेता ऋषि कुमार त्रिवेदी ने भारतीय पुरातत्व विभाग, नई दिल्ली से टीले के परिसर का अनुसंधान, सर्वे और खुदाई करने की मांग करते हुये अपने आदेश 20 सितम्बर 2016 का अनुपालन करने की मांग की है। यह मांग भारतीय पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर जनरल को भेजे गये पत्र में की गयी। इस पत्र की प्रतियां चेयरमैन, राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण, केन्द्रीय मंत्री सांस्कृतिक मंत्रालय, यूनियन ऑफ इण्डिया, संयुक्त सचिव, भारतीय पुरातत्व विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह और भारतीय पुरातत्व विभाग के उत्तर प्रदेश के कार्यालय को भी भेजी गयी है। अखिल भारत हिन्दू महासभा, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभा रहे ऋषि कुमार त्रिवेदी ने भेजे गये पत्र में कहा है कि भारतीय पुरातत्व विभाग ने अपने पूर्ववत आदेश दिनांक 20 सितम्बर 2016 के जरिये टीले वाली मस्जिद के प्रबन्धन को लक्ष्मण टीला परिसर पर व्याप्त अतिक्रमण और निर्माणाधीन अवैध निर्माण को हटाने के लिये कहा था। लेकिन टीले वाली मस्जिद के प्रबन्धन ने इस आदेश की अनदेखी करते हुये लक्ष्मण टीला परिसर में व्याप्त अतिक्रमण और निर्माणाधीन अवैध निर्माणों को नहीं हटाया और न ही भारतीय पुरातत्व विभाग ने अपने उपरोक्त आदेश के अनुपालन में कोई ठोस कदम उठाया। श्री त्रिवेदी ने पत्र के माध्यम से भारतीय पुरातत्व विभाग, नई दिल्ली से अपने आदेश दिनांक 20 सितम्बर 2016 के क्रियान्वयन के लिये तत्काल ठोस कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हिन्दू भावनाओं से जुड़े लक्ष्मण टीले के अनुसंधान सर्वे और खुदाई करायी जाये, ताकि देश के सामने तथाकथित टीले वाली मस्जिद का सच सामने आ सके है। मालूम हो कि शेषनाग तीर्थ भूमि पर स्थित लक्ष्मण टीले को बीते लगभग चार सौ वर्ष पूर्व अलाउद्ïदीन खिलजी ने आक्रमण किया और उसके बाद मुगल शासक औरंगजेब ने 1680 में शेषनाग तीर्थ मन्दिर को क्षतिग्रस्त कर तीर्थ भूमि पर मस्जिद का निर्माण करवाया था, जिसे आज टीले वाली मस्जिद के नाम से जाना जाता है।