चर्चा के बीच वक्ताओं ने आयोजन की उपलब्धियों को गिनाया
लखनऊ। उतरेटिया रायबरेली रोड स्थित सरदार पटेल पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल एंड मेडिकल साइंसेज में 16 फरवरी से चल रहे इण्डियन ऑर्थोडॉण्टिक सोसायटी के 26वें नेशनल पीजी कन्वेंशन का रविवार को चर्चा-परिचर्चा के बाद समापन हो गया। ये पहला मौका था जब लखनऊ और संस्थान ने सम्मेलन का आयोजन सम्भाला। समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद सरदार पटेल चिकित्सा संस्थान के प्रबंध निदेशक डा. आरोहण सिंह ने आयोजन की भरपूर सराहना की।
सम्मेलन के अंतिम दिन आज सुबह डा. अमित रेवंकर ने आर्थोडॉण्टिक्स में आर्टिफीशियल इण्टेलीजेंस के भविष्य पर रोचक तथ्य रखे। डा. रोहित कुलश्रेष्ठ ने एनाइनर थेरेपी के प्रयोग की वर्तमान वस्तुस्थिति पर और डा. टीपी चतुर्वेदी ने साक्ष्य आधारित आर्थोडॉण्टिक्स पर बात की। डा. सूर्यकांत दास ने बायोमैकेनिक्स पर, डा. शैलेश देशमुख ने एनाइनर्स पर प्रस्तुति दी तो डा. सरबजीत सिंह ने क्लिनिकल सूत्र बताए। डा. पी हरिकृष्णन ने आर्थोडॉण्टिक सामग्री के अनुसंधान की जरूरतों के बारे में बताया। डा. जिग्नेश कोठारी, डा. आशीष गर्ग, डा. जी षणमुगम, डा. अमनीष सिंह, डा. वैभव मिश्रा, डा. एवी अरुण, डा. राजीव आहलूवालिया और डा. सुभाषचन्द्र नायक ने दंत चिकित्सा के नये आयामों पर प्रेजेण्टेशन देते हुए विद्यार्थियों के सामने अपना नजरिया पेश किया।
समापन सत्र में आयोजन चेयरमैन डा. सुधीर कपूर, इण्डियन ऑर्थोडॉण्टिक सोसायटी के अध्यक्ष डा. बलविंदर सिंह ठक्कर और सचिव डा. संजय लाभ ने क्रमशः अपनी बात रखते हुए आयोजन को सफल बताया। इन वक्ताओं ने समूचे आयोजन पर अपना संक्षिप्त दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हुए सम्मेलन की उपलब्धियों को गिनाया। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सहित सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार अंत में आयोजन सचिव ने व्यक्त किया। इसके साथ ही प्राचार्य गौरव सिंह, आयोजक समिति के सदस्यों, संकाय प्रभारियों, छात्र प्रभारियों स्नातकोत्तर विद्यार्थियों व अन्य सहयोगियों को स्मृति चिह्न प्रदान किये गये। समारोह में डा. राजकुमार जायसवाल का भी योगदान रहा।
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