बहुत दु:ख हुआ यह सुनकर कि “सहारा श्री” ने अपनी अंतिम सांस ले ली। हाँ, यह सही है, क्योंकि यही शास्वत सत्य है। उस समय मैं स्वतंत्र भारत में रहते हुए अक्सर सोचता था कि एक दिन राष्ट्रीय सहारा के लिए रिपोर्टिंग करनी है। आकर्षण का कारण वहाँ का वेतन, …
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