(व्यंग) कितनी बेसब्री से रहता है इंतजार तुम्हारा कटता नही है मेरा एक दिन भी तुम्हारे बिना तुम ही तो हो मेरे दिल का सुकून सह लेती हूं इसीलिए नखरे तुम्हारे तुम्हारी मुहब्बत ही तो है जो मजबूर कर देती है मुझे सुनने को पति और बच्चों के ताने सिर्फ …
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