Saturday , July 26 2025

समाजवादी आस्था का दोहरा मापदंड

(मृत्युंजय दीक्षित)

श्रावण माह शिव भक्ति का पवित्र माह है जिसमें उत्तर भारत के अनेक राज्यों में पवित्र कांवड़ यात्रा निकलती है। कांवड़ यात्रा में कांवड़िये पहले  गंगा नदी तक पैदल जाकर पवित्र जल लेते हैं फिर शिवालयों जाकर महादेव का जलाभिषेक करते हैं। कांवड़िये अपनी यात्रा में 200 से 600 किमी तक पैदल चलते हैं। पूरी यात्रा में कांवड़िये सात्विक जीवन का पालन करते हैं। इस कठिन यात्रा में उनके पावों में छाले तक पड़ जाते हैं। कांवड़ यात्रा में स्त्रियाँ और बच्चे भी सम्मिलित होते हैं। जो सनातनी हिन्दू इस कथों यात्रा का व्रत नहीं ले पाते वे स्थान -स्थान पर कांवड़िओं की भिन्न- भिन्न  प्रकार से सेवा करके अपना जीवन धन्य करना चाहते हैं।

ये अत्यंत दुखद है कि छद्म धर्मनिरपेक्ष और वोट बैंक की राजनीति करने वाले राजनैतिक दलों ने इस वर्ष  ऐसी पवित्र यात्रा पर क्षोभजनक अमार्यदित टिप्पणियां करीं। समाजवादी पार्टी के नेताओं द्वारा कांवड़ यात्रियों  को बेरोजगार, दंगाई और आतंकवादी तक कहा गया। समाजवादी नेता एस. टी. हसन ने कावड़ियों को आतंकवादी कहकर अपमानित कर किया। समाजवादी  सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं ने कांवड़ यात्रा व यात्रियों को बदनाम करने में कोई कोर कसर शेष नहीं रखी। गंदे मीस्म बनाए गये। कावड़ियों के जत्थों में घुसकर उत्पात मचाया गया जिसके कारण  श्रद्धा व भक्ति भाव के साथ घर से सैकड़ो मील दूर शिवालयो में अपार श्रद्धा भाव समर्पित करने के लिए निकले कांवड़िये आहत हैं। 

कुछ चैनलों ने बिना ये पड़ताल किये कि वास्तविक अपराधी कौन है, एक- दो समूह के कावड़ियों द्वारा की गई रोडरेज ओर अराजकता के समाचार खूब बढ़ा चढ़ाकर दिखाए और कावड़ यात्रा की नकारात्मक छवि बनाने का पूरा प्रयास किया किंतु ये चैनल ये  बताना और दिखाना भूल गये कि कई स्थानों पर कांवड़ यात्रियों जिनमें महिलाएं और बच्चे भी सम्मिलित थे उन पर सुनियोजित हमले किए गए।  यहाँ यह तथ्य भी उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कावड़ियों से  भी अनुशासित रहने की अपील की थी और पुलिस ने कांवड़ियों की अनुशासनहीनता पर उनको भी उचित दंड देने में विलम्ब नहीं किया। जिसमें एक स्थान पर कांवड़ियों और सीआरपीएफ जवान के बीच मारपीट का विडियो आने पर उत्तर प्रदेश  पुलिस ने त्वरित कार्यवाही की । 

कांवड़ यात्रा और यात्रियों पर विपक्ष, उसके सोशल मीडिया और कुछ टी.वी. चैनल द्वारा लगातार आक्रमण होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़े तेवर अपना लिये और स्पष्ट शब्दों मे चेतावनी देते हुए कहा कि, कुछ असमाजिक तत्व कांवड़ यात्रा की आड़ में वातावरण खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। सरकार की प्राथमिकता है कि यात्रा निर्विध्न संपन्न हो। जो भी व्यक्ति किसी प्रकार का हुड़दंग करेगा यात्रा के पश्चात उसके विरुद्ध कठोर कर्रावाई की जाएगी। दोनों उपमुख्यमंत्रियों ने सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि कांवड़ यात्रा को बदनाम करने के लिए समाजवादी पार्टी के कुछ अराजक तत्व यात्रा में घुस आए हैं और माहौल को खराब करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। 

जब भी हिंदुओं का कोई ऐसा पर्व आता है जिसमें हिन्दू एकता और सामूहिकता परिलक्षित होती है वैसे ही जाती वादी और तुष्टीकरण के बल पर जीवित परिवारवादी समाजवादी दल के नेताओं की आस्था का दोहरा मापदंड सामने आ जाता है और यह स्पष्ट दिखने लगता है कि समाजवादी हिंदुओ के प्रति कितनी नफरत रखते हैं। समाजवादियों को अयोध्या का दिव्य, भव्य राम मंदिर रास नहीं आ रहा, महाकुम्भ -2025 को कलुषित करने व हिंदू सनातन आस्था की छवि को विकृत करने के लिए तो इन्होने महाअभियान ही छेड़ दिया था। 

जब प्रदेश में सपा, बसपा की  सरकारें हुआ करती थी तब  कांवड़ यात्रा व यात्रियों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता था वह किसी से छुपा नहीं है। सपा के कार्यकर्ता और समर्थक कांवड़ियों पर हमले किया करते थे। महिला कांवड़ियों के साथ अभद्रता व दुर्व्यवहार किया जाता था। कांवड़ यात्रा का अपमान करने पर कांग्रेस भी पीछे नहीं है उसके नेता दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर कांवड़ यात्रा को लक्षित करते हुए सड़क पर नमाज पढ़ने को उचित बताया था।  

इस वर्ष कांवड़ यात्रा से जुड़े चार प्रान्तों क्रमशः उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों  योगी आदित्यनाथ, रेखा गुप्ता, नायब सिंह सैनी और पुष्कर सिंह धामी ने कांवडियों के लिए विशिष्ट व्यवस्था की है जिससे भी विपक्ष चिढ़ा हुआ है । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने तो कांवडियों पर स्वयं पुष्पवर्षा भी की। उत्तर प्रदेश में शिवालयों को खूब अच्छे ढंग से सजाया -संवारा जा रहा है जो हिन्दू विरोधी विपक्ष के लिए आपत्तिजनक है। 

कांग्रेस, सपा ,बसपा सहित सभी विरोधी दलों का हिंदू पर्वो व आस्था के प्रति सदा से ही दोहरा मापदंड रहा है। यही कारण है कि जो लोग  मोहर्रम के जुलूसों में फिलीस्तीन और पाकिस्तानन , ईरान का झंडा फहराते हैं  उन्हें ये दल आतंकवादी नहीं कहते वहीं जो लोग भारत माता की जय, वंदेमातरम  का नारा लगाते हुए भक्तिभाव के साथ शिवालयों में जल चढ़ाने जाते हैं वे इनको आतंकवादी नजर आते हैं।सपा के एक मुस्लिम विधायक इकबाल महमूद ने तो यहां  तक कह दिया कि यह “शिव भक्त कम गुंडे ज्यादा नरक में जाना होगा“। यह हिंदू आस्था के अपमान की पराकाष्ठा है। 

कांवड़ यात्रा पर हल्ला बोलने वाले समाजवादी नेता संसद के मानसून सत्र के बीच संसद भवन के पास बनी एक मस्जिद में बैठक करने पहुँच गए। भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा ने  तस्वीर जारी कर  आरोप लगाया है  कि अखिलेश यादव ने इस मस्जिद को सपा कार्यलाय बना दिया है। अब यह तथ्य स्थापित हो गया है कि समाजवादी पार्टी राम शिव और श्रीकृष्ण विरोधी और मस्जिदों में आधार खोजने वाली पार्टी है । समाजवादी आस्था के  प्रति खतरनाक दोहरा मापदंड अपना रहे है। इनकी पीडीए की राजनीति केवल हिंदू समाज को बांटने के लिए है। 

(लेखक मृत्युंजय दीक्षित स्तंभकार है और ये उनके निजी विचार हैं)

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