Friday , July 11 2025

CRIH : ‘जीवनशैली विकारों के लिए योग- एक एकीकृत दृष्टिकोण’ पर की चर्चा


लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान संस्थान द्वारा समयोग कार्यशाला का आयोजन संस्थान परिसर में किया। जिसका विषय ‘जीवनशैली विकारों से बचाव के लिए योग- एक एकीकृत दृष्टिकोण’ था।  

कार्यशाला में अनेक चिकित्सकों, वैज्ञानिकों तथा वरिष्ठ नागरिकों ने भाग लिया। नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, गोमतीनगर के छात्र-छात्राओं ने ऑनलाइन जुड़ कर लाभ लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नरेश चन्द्र वर्मा (प्रान्तीय प्रधान, भारतीय योग संस्थान, लखीमपुर), सभी वक्तागण एवं अधिकारियों ने द्वीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभांरभ किया। 

कार्यक्रम में भारतीय योग संस्थान के अनुभवी योगाचार्यों को प्रभारी अधिकारी डॉ. लिपिपुष्पा देबता ने पुष्प गुच्छ एवं अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया और सभी को अपने स्वागत भाषण से संबोधित किया।

कार्यक्रम के प्रथम सत्र में सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस रोग से बचाव हेतु होम्योपैथी औषधियों की उपयोगिता पर डॉ. दिव्या वर्मा (अनुसंधान अधिकारी (हो.)/वै-1) ने विस्तार में व्याख्यान प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि नरेश चन्द्र वर्मा ने योग की उपयोगिता को रेखांकित किया। उन्होंने उपरोक्त रोग से बचाव हेतु योग के महत्व पर प्रकाश डाला एवं उपयोगी योगासन प्रस्तुत किए।

दूसरे सत्र में डॉ. रेनू बाला (अनुसंधान अधिकारी (हो.)/वै-2) ने मधुमेह रोग से बचाव व उपचार में होम्योपैथी की उपयोगिता पर विस्तार में प्रकाश डाला तथा उक्त रोग से बचाव हेतु योगाचार्य सुरेश कुमार दूबे (प्रान्तीय सदस्य, भारतीय योग संस्थान, लखनऊ) द्वारा प्रभावी योग क्रियाओं को सबके समक्ष दर्शाया गया।

तीसरे सत्र में कमर दर्द से बचाव व होम्योपैथिक उपचार पर डॉ. अमित श्रीवास्तव (अनुसंधान अधिकारी (हो.)/वै-2) ने व्याख्यान प्रस्तुत किया। योगाचार्य शिव राम वर्मा (जिला मंत्री, भारतीय योग संस्थान, लखीमपुर) ने उपरोक्त रोग से बचाव हेतु योग क्रियाओं के बारे में विस्तार से समझाया।

अंतिम सत्र में कब्ज एवं गौटिक क्रियाओं के निदान में होम्योपैथी की भूमिका एवं प्रभावकारिता पर डॉ. अमित श्रीवास्तव (अनुसंधान अधिकारी (हो.)/वै-2) ने व्याख्यान प्रस्तुत किया। योगाचार्य बेगराज सिंह (केन्द्र प्रमुख, भारतीय योग संस्थान, जानकीपुरम विस्तार) ने कब्ज व गौटिक क्रियाओं से मुक्ति हेतु आधुनिक जीवन शैली में बदलाव, आहार विहार व यौगिक क्रियाओं के महत्व को विस्तार से समझाया।

समापन समारोह में प्रभारी अधिकारी, डॉ. लिपिपुष्पा देबता ने सभी वक्तागणों को प्रमाण पत्र व पौधा भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में, 5 जून 2025 को विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा की गई और उन्हें सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन और समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया। यह आयोजन योग और होम्योपैथी के समन्वय से स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा देता है।