बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि वाली योग्य बालिका थी अहिल्याबाई होलकर : प्रो. अंशु केडिया

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। खुन खुन जी महाविद्यालय में महारानी अहिल्या बाईं होलकर की 300वीं जयंती को धूमधाम से मनाया गया। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. अंशु केडिया द्वारा उनकी फोटो पर माल्यार्पण किया गया एवं समस्त स्टाफ द्वारा पुष्प के माध्यम से श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। प्राचार्या ने अहिल्या बाईं होलकर के प्रारंभिक जीवन एवं शासिका के रूप में किए गए कार्यों को याद करते हुए बताया कि अहिल्या बाईं बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि वाली योग्य बालिका थी। जिनका विवाह इंदौर में मराठा संघ के होलकर परिवार में खंडेराव होलकर के साथ हुआ। 

लेकिन कम उम्र में ही विधवा होने के बाद होलकर वंश की तरफ से 1767 से 1795 तक मालवा पर शासन किया। उनका शासन न्यायप्रियता, दयालुता एवं  सांस्कृतिक एवं धार्मिक तत्वों से ओतप्रोत था। उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कराने के साथ ही वाराणसी में कई घाटों का निर्माण भी कराया। प्राचार्या के अतिरिक्त वरिष्ठ शिक्षिका डॉ शगुन रोहतगी ने अहिल्या बाई होलकर के प्रशासनिक कार्यों की चर्चा करते हुए उन्हें होलकर वंश की महान शासिका बताया।

इतिहास विभाग की तरफ से विजेता दीक्षित ने अहिल्या बाई होलकर के राजनीतिक, प्रशासनिक एवं सांस्कृतिक उपलब्धियों से छात्राओं को अवगत कराया। साथ में यह भी बताया कि किस प्रकार उनके जनकल्याण के लिए किए गए प्रयासों जैसे कुओं और बाबलियों का निर्माण, गरीबों के लिए मुफ्त राशन की व्यवस्था तथा सड़क निर्माण, स्त्री शिक्षा के प्रति जागरूकता आदि जैसे कार्यों ने उन्हें एक कुशल जन हितैषी शासिका बना दिया। कार्यक्रम का सफल निर्देशन प्राचार्या के द्वारा किया गया एवं समस्त शिक्षिकाओं एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के सहयोग से यह सकुशल सम्पन्न हुआ।