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IIHMR UNIVERSITY : NSS स्वयंसेवकों के लिए आयोजित किया ओरिएंटेशन प्रोग्राम

जयपुर (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। स्वास्थ्य प्रबंधन शोध से संबंधित प्रमुख विश्वविद्यालय आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने ’’नेशनल सर्विस स्कीम’’ के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम का सफल आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 60 से अधिक स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और एनएसएस गतिविधियों के लिए अपना समय और ऊर्जा समर्पित करने की शपथ ली। इन पहलों का उद्देश्य जमीनी स्तर पर प्रभावशाली सामुदायिक सेवा परियोजनाओं के माध्यम से राष्ट्र की मजबूती में योगदान देना है।

कार्यक्रम में एनएसएस के रीजनल डायरेक्टर एसपी भटनागर बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने एनएसएस स्वयंसेवकों को प्रेरणादायक मार्गदर्शन दिया और एनएसएस के मुख्य उद्देश्य, इसकी कार्यप्रणाली और राष्ट्र निर्माण एवं युवाओं के व्यक्तिगत विकास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने एनएसएस के आदर्श वाक्य “Not Me But You” का गहरा अर्थ समझाते हुए निस्वार्थ सेवा की भावना को रेखांकित किया।  

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पीआर सोडानी ने स्वयंसेवकों को सामुदायिक सेवा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में समर्पित योगदान देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, ‘‘आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी में, हम मजबूती से इस बात में यकीन करते हैं कि युवा पीढ़ी को निस्वार्थ सामुदायिक सेवा के माध्यम से परिवर्तनकारी बदलाव लाने के लिए सशक्त बनाना चाहिए। नेशनल सर्विस स्कीम ऐसा ही एक शक्तिशाली और महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म मंच है, जो छात्रों में जिम्मेदारी, करुणा, और नेतृत्व के गुणों को विकसित करता है। वंचित समुदायों के साथ काम करते हुए, हमारे स्वयंसेवक न केवल एक मजबूत राष्ट्र निर्माण में योगदान देंगे, बल्कि उपयोगी अनुभवों के माध्यम से अपने व्यक्तिगत विकास को भी समृद्ध करेंगे। मिलकर, हम छोटे-छोटे प्रयासों से बड़ा बदलाव ला सकते हैं।”

कार्यक्रम के अंतर्गत सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती और संविधान दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित क्विज़, ई-पोस्टर डिज़ाइन, और रील प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट योगदान देने वाले नौ छात्रों को सम्मानित किया गया।  
इस तरह आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के इस आयोजन के जरिये न केवल युवाओं को सामुदायिक सेवा के प्रति प्रेरित करने का प्रयास किया गया, बल्कि उनमें नेतृत्व और आपसी सहयोग की भावना को भी बल प्रदान करने का प्रयास किया गया, जो राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है।