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प्रभु श्रीराम जन्म संग 5 दिवसीय रामलीला का आगाज

भये प्रकट कृपाला दीन दयाला, कौशल्या हितकारी

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। ‘‘इच्छा है अगर पुत्र की तो, पुत्रेष्टि यज्ञ संविधान करो, पाओगे चार पुत्र राजन, भगवान विष्णु का ध्यान करो।’’ राजा दशरथ से वशिष्ठ जी कहते है कि हे राजन जाओ और यज्ञ की तैयारी करो।

यज्ञ पूर्ण होने पर अग्निदेव प्रसन्न होकर राजा दशरथ को प्रसाद का एक पात्र देते है। राजा वह प्रसाद तीनों रानियों में बांट देते है और निश्चित समय के पश्चात् राजा को चार पुत्रों की प्राप्ति होती है, जिनके नाम राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न रखे जाते है।

सेक्टर-‘ए’ सीतापुर रोड योजना कालोनी में मंगलवार को शुरू हुये 5 दिवसीय रामलीला के 32वें मंचन के पहले दिन कलाकारों ने श्रीराम जन्म, ताड़का वध, धनुष यज्ञ व परशुराम लक्ष्मण संवाद का बखूबी मंचन किया।

क्षेत्रीय पार्षद मान सिंह यादव ने भगवान श्री गणेशजी की वन्दना व आरती से रामलीला का आगाज किया। जिसके पश्चात बेटियों ने श्री गणेश वंदना, मेरी झोपडी के भाग्य आज जाग जाएंगे… पर समूह नृत्य की प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।


सीता जी के स्वंयवर में गुरू की आज्ञा से प्रभु श्रीराम शिव धनुष को एक ही झटके में तोड़ देते है। धनुष के टूटते ही जब क्रोधित परशुराम पूछते है कि धनुष तोड़ने का दुस्साहस किसने किया तो लक्ष्मण भी क्रोधित हो जाते है और दोनों के बीच संवाद होता है। जिसका दर्शकों ने खूब आनंद लिया।

इस मौके पर श्री रामलीला समिति के अध्यक्ष सुरेश तिवारी, महामंत्री जितेंद्र मिश्रा, निर्देशक उमाशंकर राठौर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सत्यनारायण मौर्या, उपाध्यक्ष अतुल मिश्रा, संयुक्त मंत्री शांति स्वरूप शुक्ला, कोषाध्यक्ष सत्यनारायण वर्मा, नरेश सिंह कुशवाहा, संजीव तिवारी, प्रमोद द्विवेदी, रामानुज तिवारी, आशुतोष सिंह, पं. वीरेंद्र पाठक, पं. वरुण श्याम पांडेय, पं. योगेश शास्त्री, रवि यादव, रिंकू मिश्रा, कलीम सहित काफी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

दूसरे दिन 9 अक्टूबर को श्रीराम लक्ष्मण एंव सीता जी की आरती, कैकेयी-मंथरा, कैकेयी-दशरथ संवाद, राम वन गमन, केवट राम संवाद, दशरथ मरण, भरत मिलाप का मंचन होगा।