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पुस्तकों के संसार में कालजयी रचनाओं संग नया अनूदित साहित्य और विवेचनात्मक किताबें

बलरामपुर गार्डन में राष्ट्रीय पुस्तक मेला : सातवां दिवस

विमर्श और व्यक्तित्व, सांपों की सभा, हरिः पाद्य का हुआ विमोचन


लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। बलरामपुर गार्डन में चल रहे इक्कीसवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले में प्रेमचन्द, बच्चन, भारती, निराला आदि कालजयी रचनाकारों के साहित्य के संग नया अनूदित और विवेचनात्मक साहित्य भी खूब है। अयोध्या और सुल्तानपुर से आये शिक्षक मेले में कुछ ऐसी ही मीमांसात्मक किताबों की तलाश में मेले में आये थे। सातवें दिन जहां मेले में किताबों के विमोचन का सिलसिला रहा, वहीं शिवमूर्ति जैसे रचनाकार भी आयोजन के संग स्टालों पर किताबों के बीच दिखायी दिये।

प्रकाशन संस्थान में कर्ण सिंह चौहान की यात्रा संस्मरणों पर अमेरिका की यात्राएं, देश देशांतर, कोरिया, बुल्गारिया और यूरोप में यात्राएं नयी किताबों में पसंद की जा रही हैं। नयी किताबों में यहां इवान तुर्गनेव की शिकारी की डायरी, आन्द्रेई प्लातोनव की इमारत की नींव और पाब्लो नेरुदा का प्रभाती नौटियाल द्वारा अनूदित कविता संग्रह यही है सादी की मांग है।

सस्ता साहित्य मंडल के स्टाल पर कनक तिवारी की चर्चित पुस्तक संविधान की शिनाख्त के अलावा कृष्णदत्त पालीवाल की हिन्दी आलोचना का उत्तर आधुनिक विमर्श, इन्द्रनाथ चौधुरी की पाश्चात्य काव्यशास्त्र का संक्षिप्त विवेचन जैसी विवेचनात्मक पुस्तकें भी खूब हैं। नई किताब प्रकाशन में देवेन्द्र सत्यार्थी की दो खण्डों में लोक साहित्य और भारतीय संस्कृति, विजय राय के संपादन में हिंदी की भूमण्डलोत्तर कथा भूमि व हिंदी के प्रमुख साठोत्तर कथाकार जैसी स्तरीय समीक्षात्मक पुस्तकों के संग कमल किशोर गोयनका की प्रेमचंद साहित्य रचनावली प्रबुद्ध पाठकों को रास आ रही हैं।


साहित्यिक मंच पर तकी मीर फाउण्डेशन की ओर से मलिकजादा जावेद के संयोजन में शेरो-शायरी का दौर चला तो इससे पहले आर्य समाज की ओर से अध्यात्मिक समारोह हुआ। संध्या समय वीरेन्द्र यादव की समसामयिक वैचारिक मुद्दों पर लिखी किताब विमर्श और व्यक्तित्व के विमोचन अवसर पर मुख्य रूप से शिवमूर्ति और लेखक ने विचार रखे।

इसी क्रम में अनूप मणि त्रिपाठी के व्यंग्य संग्रह सांपों की सभा का विमोचन हुआ और अनूपमणि ने लघु व्यंग्य भी पढ़े। अनिल कुमार श्रीवास्तव की पुस्तक श्री हरिः पाद्य का विमोचन पद्मश्री विद्याविंदु सिंह की अध्यक्षता और रचनाकार डा. अमिता दुबे, डा. अनिल मिश्र, पद्मकांत शर्मा आदि की उपस्थिति में उनके विचारों के बीच हुआ। शाम को साहित्यकार संसद व नमन प्रकाशन तत्वावधान में ग़ज़लों की एक शाम अधीरजी के नाम रचनाकार भोलानाथ अधीर की अध्यक्षता में हुई। नवीन शुक्ल नवीन के संचालन में डा.शोभा दीक्षित रचना मिश्रा, रामप्रकाश बेखुद, सरवत जमाल, मनीश शुक्ल आदि ने अपने-अपने कलाम पेश किये।

ऐमिटी यूनीवर्सिटी ने मेला परिसर में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया। क्लीनिकल साइकोलॉजी विभाग के विद्यार्थियों ने सहायक प्रो. अंशुमा दुबे के मार्गदर्शन में मेले में आए हुए पुस्तक प्रेमियों को मानसिक स्वास्थ के प्रति न केवल जागरूक किया। साथ ही चिंता, तनाव, अवसाद, नशे की लत आदि समस्याओं के प्रति समाधान भी किया। इसी विषय पर छात्र-छात्राओं द्वारा एक नुक्कड़ नाटक का भी प्रस्तुत किया।

4 अक्टूबर के कार्यक्रम


पूर्वाह्न 11.00 बजे कार्यक्रम : निखिल प्रकाशन
शाम 4.00 बजे  विमोचन : मुताह- एक शोधपरक अध्ययन
शाम 5.00 बजे कार्यक्रम : राजकमल प्रकाशन
शाम 6.30 बजे आयोजन : बहुजन समाज