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Tally : नए टैलीप्राइम 5.0 के लांच संग ग्लोबल मल्टी-लिंगुअल इंटीग्रेशन का किया विस्तार

  • भारत में एपीआई-संचालित कम्प्लायन्स सिस्टम को बढ़ावा देते हुए टैली ने अगले 3 सालों में 30-40 फीसदी विकास का लक्ष्य रखा
  • पूरी तरह से कनेक्टेड जीएसटी क्षमता के साथ कनेक्टेड अनुभव को बनाया और भी बेहतर

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़- तेज़ी से विकसित होते एमएसएमई सेक्टर को मजबूत बनाने के दृष्टिकोण के साथ टैली सोल्युशन्स ने मंगलवार को अपनी कनेक्टेड सर्विसेज़ को और बेहतर बनाते हुए नए टैलीप्राइम 5.0 लॉन्च किया। बिज़नेस मैनेजमेन्ट सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराने वाली जानी-मानी टेक्नोलॉजी कंपनी टैली ने एपीआई-संचालित टैक्स फाइलिंग के साथ अपनी कनेक्टेड सर्विसेज़ को नया आयाम दिया है। देश-विदेश में मिड-मास सेगमेन्ट के बिज़नेस के संचालन को सुगम बनाने के प्रयास में यह लॉन्च किया गया है।


‘कनेक्टेड जीएसटी’ से युक्त नया वर्ज़न सभी ऑनलाईन जीएसटी ऑपरेशन्स के लिए कंसोलिडेट इंटरफेस की तरह काम करेगा, जिसके लिए जीएसटी पोर्टल पर जाने की ज़रूरत नहीं होगी। यह लॉन्च टैली के कनेक्टेड अनुभव को और भी मजबूत बनाएगा, जिसमें ई-इनवॉयसिंग, ई-वे बिल जनरेशन और व्हॉट्सऐप इंटीग्रेशन आदि शामिल हैं। इसके अलावा मिडल ईस्ट और बांग्लादेश में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए टैलीप्राइम 5.0 में अडवान्स्ड मल्टी-लिंगुअल क्षमता को भी शामिल किया गया है, जो फ़ोनेटिक सपोर्ट के साथ अरबी और बंगाली भाषाओं का इंटरफेस भी प्रदान करेगा।
नए वर्ज़न में कई फीचर्स शामिल हैं जैसे फास्ट डेटा अपलोड/ डाउनलोड के लिए जीएसटी पोर्टल का डायरेक्ट कनेक्ट’, जीएसटीआर1 रिटर्न फाइलिंग और न्यू रेकॉन फ्लेक्सिबिलिटी। जिसमें टैली के अनूठे जीएसटीआर-1 रेकॉन और जीएसटीआर-3बी रेकॉन फीचर्स तथा इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) पर रिस्क की पहचान और लेजर बनाना शामिल हैं। ये सभी फीचर ‘बुककीपिंग से लेकर रिटर्न फाइलिंग’ तक हर ज़रूरी सहयोग देते हुए इंटीग्रेटेड अनुभव प्रदान करते हैं।
इस नए लॉन्च और आने वाले समय में नए प्रोडक्ट्स की योजनाओं के साथ टैली ने अपने मौजूदा यूज़र्स की संख्या को अगले 3 सालों में 50 फीसदी तक बढ़ाने तथा 30-40 फीसदी दर से विकसित होने का लक्ष्य रखा है। गौरतलब है कि टैली के मौजूदा यूज़र्स की संख्या 2.5 मिलियन के आंकड़े को पार कर चुकी है।

टैली सोल्युशन्स में जनरल मैनेजर-ईस्ट अर्चन मुखर्जी ने कहा, ‘‘हम एमएसएमई के लिए बिज़नेस के संचालन को आसान बनाने के लिए अपनी टेक्नोलॉजी को लगातार इनोवेट कर रहे हैं। हमारी यह नई रिलीज़ भारतीय बिज़नसेज़ के लिए जीएसटी फाइलिंग को आसान बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है। वर्तमान में बहुत कम ऐसे बिज़नसेज़ हैं जो एपीआई-आधारित फाइलिंग का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन हम इस स्थिति को बदल देना चाहते हैं। अपने नए लॉन्च के साथ हम एमएसएमई के लिए जीएसटी फाइलिंग को आसान बनाएंगे, ताकि उनका 60-70 फीसदी समय बच सके। यह रिलीज़ उनके सप्लायर्स के जीएसटी का रियल टाईम स्टेटस देकर उनके आईटीसी को सुरक्षित रखने में भी कारगर होगी। हमने राज्य के मार्केट को ध्यान में रखते हुए स्ट्रैटेजी बनाई है, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा बिज़नसेज़ इस लॉन्च का लाभ उठा सकें। हमारी टीम और पार्टनर्स, एंटरेप्रेन्योर्स, चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स एवं टैक्स प्रोफेशनल्स के साथ मिलकर काम करते हुए उन्हें प्रोडक्ट के बारे में जानकारी देंगें और हर समस्या का समाधान करेंगे।’’

मंगलवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए यह लॉन्च किया गया है। राज्य में देश के 14 फीसदी लघु एवं मध्यम व्यवसाय हैं। 9 मिलियन रजिस्टर्ड और अनरजिस्टर्ड एमएसएमई के साथ देश के सबसे अधिक बिज़नसेज़ इसी राज्य में हैं। जो इंजीनियरिंग गुड्स, गलीचे, चमड़े के सामान, परिधान, प्लास्टिक और ग्लासवेयर में काम करते हैं। इसके अलावा प्रदेश की राजधानी लखनऊ एमएसएमई के लिए हब के रूप में उभरी है, जहां 1.6 लाख रजिस्टर्ड एमएसएमई हैं। ये सभी उद्योग नौकरियां उत्पन्न कर तथा निर्यात के द्वारा विदेशी मुद्रा लाकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।


एमएसएमई को अपने संचालन के लिए प्रभावी टेक समाधानों की आवश्यकता है और इसी के मद्देनज़र टैलीप्राइम 5.0 उन्हें सरल, सुरक्षित और भरोसेमंद समाधान प्रदान करता है। यह नए एवं मौजूदा फीचर्स जैसे ई-इनवॉयस जनरेशन, यूज़र फ्रैंडली डैशबोर्ड, व्हॉट्सेएप इंटीग्रेशन और एक्सेल इम्पोर्ट के द्वारा उनके बिज़नेस मैनेजमेन्ट को आसान बनाता है। यह नया लॉन्च बिज़नसेज़ को उनके सिस्टम के साथ कनेक्ट करने और यूज़र को बेहतर अनुभव प्रदान करने के टैली के मिशन के अनुरूप है। नई रिलीज़ सभी एक्टिव टीएसएस सब्सक्राइबर्स के लिए मुफ्त उपलब्ध है।