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सामाजिक परिवर्तन की संवाहक है, लखपति दीदी



स्टार्टअप से लेकर स्पेस तक बहनों ने अपनी पहचान स्थापित की है

मेरी बहनों, प्रधानमंत्री का संकल्प है किसी बहन के आंखों में आंसू न रहें, हर एक चेहरे पर मुस्कुराहट आए, कोई मजबूर न रहे, इसलिए उन्होंने लखपति दीदी अभियान चलाया है। ऐसी दीदी जिनकी सालाना आय 1 लाख से अधिक हो ऐसी 1 करोड़ दीदी, लखपति बन चुकी है और विगत 100 दिन में 11 लाख दीदी लखपति बनी है। हमारी सरकार इस अभियान में तेजी से जुटी हुई है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में प्रधानमंत्री के इस अभियान से लगातार महिलायें जुड़ रही है और स्व सहायता समूह के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रही है।

मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री के आशीर्वाद से जल्द ही 3 करोड़ दीदी लखपति दीदी बनेंगी। देश में महिलाएं आगे बढ़ें, समृद्ध और संपन्न बनें एवं प्रगति के नए आयाम स्थापित करें, इसके लिए विगत 10 वर्षों से महिला कल्याण के अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। मोदी जी देश के पहले प्रधानमंत्री है जिन्होंने महिलाओं के शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक सशक्तिकरण को सुनिश्चित किया है।

महिलाएं समाज और राष्ट्र की धुरी हैं। हमारे गौरवशाली और समृद्ध भविष्य का आधार हैं। हमारे वेदों और पुराणों में नारी के महत्व का उल्लेख किया गया है। नारी शक्ति के बिना राष्ट्र की समृद्धि की कल्पना नहीं की जा सकती है इसलिए प्रधानमंत्री जी ने नारी शक्ति के समग्र विकास और संपूर्ण उत्थान को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया है। ‘लखपति दीदी’ प्रधानमंत्री जी के इसी संकल्प का फल है।

महिला सशक्त होगी तो परिवार सशक्त होगा, परिवार सशक्त होगा तो समाज सशक्त होगा और समाज के सशक्त होने से राज्य एवं राष्ट्र सशक्त होगा। लखपति दीदी अभियान से पीढ़ियाँ समृद्ध और सशक्त हो रही है इसलिए महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री जी ने 2500 करोड़ रुपए रिवॉल्विंग फंड के रूप में स्व सहायता समूहों के खातों में डाले है और 5 हजार करोड़ रुपए के बैंक ऋण जारी किए है जिससे बहनें तेजी से लखपति दीदी बन सके।

प्रधानमंत्री कहते हैं कि “भारत को विकसित बनाने के लिए भारत की प्रत्येक महिला को आर्थिक रूप से समृद्ध करना होगा, इसलिए हमारी सरकार महिलाओं की आर्थिक शक्ति बढ़ाने के लिए सभी दिशाओं में काम कर रही है। बैंक सखी, कृषि सखी, पशु सखी, नमो ड्रोन दीदी इसी दिशा में बढ़ाए गए महत्वपूर्ण कदम हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को रोजगार-स्वरोजगार के नए अवसर देने और सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक पहलुओं पर सशक्त बनाने की सोच को दर्शाते हैं। आज हमारी लखपति दीदी कृषि और गैर कृषि, कुटीर उद्योग, पोषण आहार, स्वच्छता अभियान, परिवहन सहित व्यापार से जुड़ कर सशक्त हो रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने सामाजिक राजनैतिक जीवन की शुरुआत से ही महिला कल्याण की दिशा में काम कर रहे है। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए आदरणीय नरेंद्र मोदी ने बहनों-बेटियों के सर्वसमावेशी विकास के लिए ‘नारी गौरव नीति’ जैसी योजना बनाई। बहनें स्वावलंबी, आत्मनिर्भर, सशक्त और आर्थिक रूप से सक्षम बनें, इस दिशा में अनेक कार्य किए गए। आज बहनें सिद्ध कर रही हैं कि वह अबला नहीं, सबला हैं। बोझ नहीं, वरदान हैं। आज देशभर में करीब 92 लाख स्व-सहायता समूह कार्य कर रहे हैं जिनमें 10 करोड़ बहनें जुड़ी हैं। स्व-सहायता समूह के माध्यम से बहनों ने अपना जीवन बदला है और वे देश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

प्रधानमंत्री का सदैव यह प्रयास रहा है कि बहनों के जीवन में कैसे खुशियां लेकर आएं। इसके लिए उनके नेतृत्व में अनेक तरह की योजनाएं भी बनाई हैं। जहां एक ओर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान और ‘सुकन्या समृद्धि’ जैसी योजनाओं के माध्यम से लिंगानुपात में क्रांतिकारी बदलाव आया है। ‘उज्ज्वला योजना’ के माध्यम से 10 करोड़ से अधिक बहनों का खुशहाली से कनेक्शन जुड़ा और धुएं से मुक्ति मिली। आज पीएम मुद्रा योजना और जनधन योजना के माध्यम से करोड़ों बहनों के खाते में खुशियां सीधे पहुंच रही हैं। जल जीवन मिशन जैसे अभूतपूर्व प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्रों में भी बहनों को नल से शुद्ध जल मिलना आसान हुआ है। मातृत्व अवकाश की अवधि बढ़ाने का प्रधानमंत्री जी का निर्णय अभूतपूर्व है और इसका सीधा लाभ कामकाजी महिलाओं को मिल रहा है।

प्रधानमंत्री द्वारा बेटियों के लिए सैनिक स्कूल के द्वार खोलने जैसे निर्णयों से सेना में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है। साथ ही भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को उच्च पदों पर नियुक्ति और नई भर्ती के द्वार भी खोले गए हैं। तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाकर, मुस्लिम महिलाओं को नया अधिकार दिया जिससे उनका भाग्य बदला है। यह सभी निर्णय प्रधानमंत्री की संवेदनशीलता और दूरदर्शिता के परिचायक हैं। खेलों के क्षेत्र में महिलायें आगे बढ़े, नया टैलेंट बाहर आए इसलिए खेलों इंडिया जैसे कार्यक्रमों से निकली खिलाड़ी बेटियों ने ओलंपिक जैसे वैश्विक मंचों पर भारत का तिरंगा लहराया है।

आजादी के अमृतकाल में नारी का अभ्युदय और प्रत्येक क्षेत्र में उसकी भागीदारी सुनिश्चित हो, इसके लिए मोदी जी प्रतिबद्ध हैं। महिलाओं के राजनैतिक सशक्तिकरण हो , उनके राजनैतिक अधिकार भी सुनिश्चित हो इस दिशा में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ मोदी जी की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

प्रधानमंत्री द्वारा प्रारंभ की गई महिला कल्याण केंद्रित योजनाओं से महिलाओं को सुगमता के साथ जीवन जीने का अवसर मिला है। बेटियां गंगा, गीता, गायत्री हैं। सीता, सत्य, सावित्री हैं। दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती हैं। इनके बिना सृष्टि नहीं चल सकती। आज परिवार से लेकर पंचायत तक, शिक्षा से लेकर अर्थव्यवस्था और उद्यम तक, नारी शक्ति हर क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रही है। स्टार्ट अप से लेकर स्पेस तक भारतीय महिलाओं ने अपना परचम लहराया है।

प्रधानमंत्री संकल्प के धनी है। वे दिन और रात काम करते हैं। उन्होंने लाल किले के प्राचीर से कहा कि मैं विकसित भारत बनाने के लिए तीन गुना अधिक ताकत से काम करूंगा। मैं लखपति दीदियों से अपील कर रहा हूँ कि प्रधानमंत्री तीन गुना अधिक ताकत से काम करेंगे तो हम भी उनके पीछे दोगुनी ताकत से काम करेंगे। प्रधानमंत्री का संकल्प है गरीबी मुक्त गांव और वो गांव बनाने में हम भी कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

हमारे प्राचीन ग्रंथों में लिखा है कि “नारी के बिना यज्ञ अधूरा है।“ विकसित भारत के निर्माण और राष्ट्र के संपूर्ण कल्याण का यज्ञ भी नारी के उत्थान एवं उसके सशक्तीकरण के साथ ही संभव है। निश्चय ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में माताओं, बहनों एवं बेटियों के कल्याण के जो कार्य हो रहे हैं, वह ‘विकसित और आत्मनिर्भर भारत’ की भव्य इमारत को दिव्य आकार दे रहे हैं। आज हमारी माताएं, बहनें आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और शैक्षणिक रूप से सशक्त एवं आत्मनिर्भर हो रही हैं और हम सब विकसित भारत के स्वप्न को साकार होते देख रहे हैं। संपूर्ण विश्व कह रहा है कि यह समय भारत और भारत की नारी शक्ति के उदय का है।

(लेखक शिवराज सिंह चौहान केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि और किसान कल्याण मंत्री हैं)