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अप्रेंटिस के माध्यम से उत्तर प्रदेश के 60 हजार युवा प्रशिक्षित, इस साल 3 लाख का लक्ष्य निर्धारित

कुशल भारत विकसित भारत अभियान के तहत प्रशिक्षुओं का हुआ अभिनंदन समारोह

उत्तर प्रदेश की किसी भी मांग को बिना देरी पूरा किया जाएगा : जयंत चौधरी

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। पॉलीटेक्निक कालेज का निर्माण करना हो, इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना हो या शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना हो प्रदेश की हर जरूरतों को प्राथमिकता दी जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से उनके मंत्रालय से जुड़ी किसी भी तरह की मांग की जाएगी तो वे उसे बिना देरी किए तुरंत पूरा करेंगे। उक्त बातें केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने कहीं।

गुरुवार को भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) द्वारा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में “कुशल भारत विकसित भारत: नए भारत के युवाशक्ति से विकसित भारत का सृजन” अभियान के अंतर्गत स्किल इंडिया मिशन के प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षुओं के अभिनंदन समारोह में जयंत चौधरी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे। उन्होंने विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।

श्री चौधरी ने कहा कि कौशल, रोजगार व प्रशिक्षण के लिए केंद्र सरकार के पास पहले से बहुत योजनाएं है सिर्फ लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। आपके आस पास क्या सरकार या निजी संस्थाओं द्वारा क्या प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएं जा रहे है इसकी जानकारी आप स्किल इंडिया की वेबसाइट पर जाकर आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने स्किल इंडिया मिशन के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार प्राप्त किया है वो समाज के अन्य लोगों को जागरुक करें। आईटीआई व प्रशिक्षण कार्यक्रमों के पाठ्यक्रम को इंडस्ट्री की मांग के अनुसार तैयार किया गया है जो कि राष्ट्रीय शिक्षा की नीति के मानक के अनुरुप है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकारें इंटस्ट्री के साथ पार्टनरशिप करें ताकि रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त हो सके।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अप्रेंटिस के माध्यम से 60,000 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है और इस साल 3 लाख लोगों को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य रखा गया है। बांदा में केंद्रीय विद्यालय के निर्माण के लिए मंजूरी मिल गई है। 2014 में उत्तर प्रदेश में नेशनल हाईवे की लंबाई 7,986 किमी थी, जो 2023 में बढ़कर 12,292 किमी हो गई है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में 21.60 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 16.87 लाख ने प्रमाणन पूरा कर लिया है। योजना के नवीनतम संस्करण के तहत 4.61 लाख उम्मीदवारों को नामांकित किया गया है और 205 रोजगार मेले आयोजित किए गए हैं, जिनमें 64,589 उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया है।

प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश के युवाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। युवाओ को कौशल प्रशिक्षण देकर राज्य के आर्थिक विकास में सहयोगी बनाना तथा प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराकर स्वावलंबी बनाना है। प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूर्ण करने में युवा जनशक्ति की उत्पादकता का महत्वपूर्ण स्थान है।

कौशल विकास मंत्री ने कहा कि योगी सरकार ने अनुपूरक बजट के माध्यम से कौशल विकास मिशन के संचालन के लिए 200 करोड़ रुपये तथा प्रोजेक्ट प्रवीण हेतु 100 करोड़ रुपये का प्राविधान किया है। अब तक 17 लाख 50 हजार से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया तथा लगभग 6 लाख 50 हजार युवाओं को रोजगार दिलाया गया। चालू वर्ष में 1 लाख 65 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार दिलाया गया।

उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के साथ सहयोग एवं समन्वय कर राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा 9 से 12 तक के छात्र एवं छात्राओं को नियमित कक्षाओं के साथ-साथ निःशुल्क व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वर्ष 2023-2024 में 315 विद्यालयों के 43,200 छात्रों को निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण दिया गया है।

कौशल विकास मंत्री ने कहा कि रोजगार की अधिक संभावनाओं वाले नए-नए उभरते हुए सेक्टर्स जैसे- आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, क्लाउड कम्प्यूटिंग, ग्रीन जॉब्स, टैलीकॉम सेक्टर इत्यादि में प्रशिक्षण की विशेष कार्य योजना तैयार की गई है। स्थानीय आवश्यकताओं तथा रोजगार की संभावनाओं को चिह्नित करने के लिए प्रत्येक जनपद में डीएसडीपी (जिला कौशल विकास योजना) की तैयारी ताकि प्रशिक्षण के बाद युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल सके।

इस अवसर पर अतुल कुमार तिवारी (सचिव, एमएसडीई), एम. देवराज (प्रमुख सचिव, व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता, उत्तर प्रदेश सरकार), महेंद्र प्रसाद अग्रवाल (प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा, उत्तर प्रदेश सरकार), सोनल मिश्रा (संयुक्त सचिव, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, भारत सरकार), अभिषेक प्रकाश (सचिव, औद्योगिक विकास विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार) सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहें।