कानपुर (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (IITK) और नैशनल पावर ट्रैनिंग इंस्टिट्यूट (NPTI) ने भारत में पावर ग्रिड के लिए साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान और प्रशिक्षण क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में मजबूत सहयोग के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समारोह सी3आई हब (C3iHub), आईआईटी कानपुर में हुआ। इसमें आईआईटी कानपुर के रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट (R&D) के डीन प्रोफेसर तरुण गुप्ता, नैशनल पावर ट्रैनिंग इंस्टिट्यूट की महानिदेशक डॉ. तृप्ता ठाकुर और सी3आई हब, आईआईटी कानपुर के परियोजना निदेशक प्रोफेसर संदीप शुक्ला सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।
इस साझेदारी का उद्देश्य एनपीटीआई में OT (ऑपरेशन टेक्नोलॉजी) और SCADA (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्विजिशन सिस्टम) साइबर सिक्योरिटी लैब की स्थापना के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करना है। ये सिस्टम पावर सिस्टम ऑपरेशन संगठनों जैसे कि बिजली वितरण उपयोगिताओं या बिजली उत्पादन और ट्रांसमिशन कंपनियों के आईटी सिस्टम से अलग हैं, और इन सिस्टम की साइबर सुरक्षा आज के साइबर खतरे के माहौल में बहुत महत्वपूर्ण है।
प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल (निदेशक, आईआईटी कानपुर) ने कहा, “मौजूद समय में साइबर हमलों और साइबर घुसपैठ की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। हमें अपने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा करनी चाहिए और ऐसे किसी भी दुर्भावनापूर्ण हमले के लिए भविष्य में तैयार रहना चाहिए। मुझे खुशी है कि आईआईटी कानपुर भारत के पावर ग्रिड की साइबर सुरक्षा बढ़ाने के लिए एनपीटीआई के साथ साझेदारी कर रहा है। साइबर सुरक्षा अनुसंधान में हमारी व्यापक विशेषज्ञता के साथ, यह सहयोग देश की तकनीकी प्रगति में योगदान देने के हमारे मिशन को मजबूत करता है ताकि महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर किसी भी तरह के साइबर हमले को रोका जा सके।”
प्रो. संदीप शुक्ला (परियोजना निदेशक, सी3आई हब आईआईटी कानपुर) ने इस सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “डीपीआर की तैयारी पावर सिस्टम ओटी और स्काडा (SCADA) लैब के विजन को साकार करने की दिशा में एक आधारभूत कदम है। यह लैब अत्याधुनिक होगी और इसमें विभिन्न भारतीय उपयोगिताओं में OT (ऑपरेशन टेक्नोलॉजी) सिस्टम में उपयोग किए जाने वाले सबसे आम घटक होंगे। यह लैब सी3आईहब (C3iHub) में पहले से मौजूद लैब से अधिक व्यापक होगी। यह भारत में पावर सिस्टम ऑपरेटरों के लिए अपने कार्यबल को OT (ऑपरेशन टेक्नोलॉजी) और SCADA (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्विजिशन सिस्टम) सुरक्षा में प्रशिक्षित करने के लिए एक बड़ी सुविधा होगी।”
एनपीटीआई की महानिदेशक डॉ. तृप्ता ठाकुर ने बिजली क्षेत्र के पेशेवरों के कौशल को बढ़ाने पर प्रयोगशाला के संभावित प्रभाव पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “एनपीटीआई (NPTI) अपने कार्यबल को नवीनतम तकनीकी जानकारी से सुसज्जित करने के लिए प्रतिबद्ध है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) एक ऐसी सुविधा के लिए आधार तैयार करेगी जो व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेगी और बिजली क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों के एकीकरण का समर्थन करेगी।”
प्रो. तरुण गुप्ता (डीन, आरएंडडी, आईआईटी कानपुर) ने कहा, “मेरा मानना है कि आईआईटी कानपुर अपने मजबूत शैक्षणिक आधार, अत्याधुनिक अनुसंधान क्षमताओं और मजबूत उद्योग संबंधों का इस्तेमाल करते राष्ट्रीय विद्युत प्रणाली के आधुनिकीकरण और इसकी दीर्घकालिक स्थिरता और दक्षता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।”
यह समझौता ज्ञापन भारत के पावर ग्रिड के साइबर सुरक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो देश की तकनीकी क्षमताओं को आगे बढ़ाने के लिए आईआईटी कानपुर और एनपीटीआई की सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।