हिंदी विवि में ‘खेलेगा युवा, जीतेगा भारत’ विषय पर हुआ व्याख्यान
वर्धा (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में शुक्रवार को तुलसी भवन के महादेवी वर्मा सभागार में शारीरिक शिक्षा एवं क्रीड़ा संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने एवं छात्रों के स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा एवं क्रीडा समिति की ओर से ‘खेलेगा युवा, जीतेगा भारत’ विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। इस मौके पर खेलो भारत गतिविधियाँ के राष्ट्रीय प्रमुख प्रदीप शेखावत ने कहा कि खेलो इंडिया में भारतीय और पारंपरिक खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है और इन खेलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान प्राप्त हों इस दिशा में भारत सरकार प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कबड्डी, खो खो, तीरंदाजी, कुश्ती, मल्लखंब आदि खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए स्कूलों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को जोड़ा जा रहा है। इससे स्वस्थ व्यक्ति व स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होगा और हम ओलिंपिक जैसे खेलों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले सकेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत ने हाल के दिनों में हाकी, कुश्ती, कबड्डी, बैडमिंटन और क्रिकेट आदि खेलों में अच्छी उपलब्धि हासिल की है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेलों को बढ़ावा दिया है, इसका उद्देश्य हर विद्यार्थी को किसी न किसी खेल में अवश्य सामिल कर लेना है। रूस के साथ हुए समझौते के अंतर्गत खेलों के लिए स्कालरशिप भी दी जा रही है। भारत में 2036 में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए हमें अभी से तैयारी शुरू करनी होगी।
कार्यक्रम में अध्यक्षीय वक्तव्य में कुलपति प्रो. कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय में खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि आगामी दिनों में खेल के क्षेत्र में बड़े मंच पर विश्वविद्यालय की उपस्थिति होगी।
शारीरिक शिक्षा एवं क्रीडा समिति के अध्यक्ष कुलसचिव प्रो. आनन्द पाटील ने कहा कि खेल के अभाव में शारीरिक समस्या बढ़ रही है। खेलों के लिए सारी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
शारीरिक शिक्षा एवं क्रीडा समिति के उपाध्यक्ष डॉ. अनिकेत अनिल आंबेकर कार्यक्रम के संयोजक थे। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्रोफेसर डॉ . सीमा बर्गट ने किया तथा एसोशिएट प्रोफेसर डॉ. बालाजी चिरडे ने आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का प्रारंभ कुलगीत से तथा समापन राष्ट्रगान से किया गया। इस अवसर पर अध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।