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यूपी ट्रैवल मार्ट 2024 : प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाओं पर हुई चर्चा

यूपी में आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या होगी दोगुनी : मुख्य सचिव

दूसरे दिन गोरखनाथ मंदिर में हुआ ‘लाइट एंड साउंड शो’

गोरखपुर (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। दुनिया की सबसे सुंदर इमारत ताजमहल और सबसे पुराना जीवंत शहर काशी यूपी में है। प्रदेश में पर्यटन की अनंत संभावनाएं हैं। क्योंकि, यूपी में देश के सबसे ज्यादा एयरपोर्ट और एक्सप्रेसवे का नेटवर्क है। बेहतर कनेक्टिविटी और पर्यटन सुविधाओं के विकास के कारण सूबे में पर्यटकों की आमद बढ़ी है। यूपी ट्रैवल मार्ट के छठे संस्करण के दूसरे दिन उक्त बातें बतौर मुख्य अतिथि मौजूद प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कही।

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित यूपी ट्रैवल मार्ट (यूपीटीएम) के छठे संस्करण का दूसरा दिन भी पर्यटन उद्योग को लेकर विचार-विमर्श और उत्साह से भरा रहा। दूसरे दिन के कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर सत्र आयोजित किए गए। जिनमें पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रणनीति, विभिन्न क्षेत्रों में पर्यटन की संभावनाएं और विदेशी पर्यटकों के अनुभव शामिल थे।

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश को ईश्वर का भी आशीर्वाद प्राप्त है। यहां गंगा, यमुना, सरयू और राप्ती जैसी अनेक जीवनदायिनी नदियां हैं। इन नदियों के तट पर कई मेले और त्योहार मनाए जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘महाकुंभ भी नदी के तट पर होने वाला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है। वर्ष 2025 में होने वाले कुंभ में लगभग 44 दिनों के मेले में करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।’ उन्होंने यह बात गोरखपुर में आयोजित यूपी ट्रैवल मार्ट (यूपीटीएम) के छठे संस्करण को संबोधित करते हुए कही।

मुख्य सचिव ने कहा, ‘पिछले वर्ष प्रदेश में करीब 48 करोड़ पर्यटक भ्रमण के लिए आए। आने वाले वर्षो में यह आंकड़ा दोगुने से ज्यादा, करीब 100 करोड़ के पार जा सकता है। क्योंकि, प्रदेश में बेहतर रोड, रेल और एयर कनेक्टिविटी बढ्ने से ‘ईज़ ऑफ ट्रैवल’ बढ़ा है। आज अधिकांश पर्यटक यूपी आ रहे हैं। उन्होंने ट्रैवल मार्ट में देश-विदेश से आए प्रतिभागियों टूर ऑपरेटर, इवेंट प्लानर्स और ब्लागर्स से कहा कि, उन्हें अपने प्रवास के दौरान जो भी अच्छे अनुभव प्रदेश से प्राप्त किए हैं उन्हें अपने साथियों और सोशल मीडिया पर साझा करें’।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में जलमार्गों का भी विकास किया जा रहा है। गंगा नदी पर बनारस से हल्दिया तक राष्ट्रीय जलमार्ग का पहला चरण पूरा हो चुका है। इसके अलावा, प्रदेश में एक नया जलमार्ग प्राधिकरण भी बनाया गया है। प्रदेश सरकार जलमार्ग के जरिए क्रूज टूरिज्म को भी बढ़ावा दे रही है।”

मुकेश मेश्राम (प्रमुख सचिव पर्यटन उत्तर प्रदेश सरकार) ने कहा, “पर्यटन विभाग ने कुछ वर्षों के अंतराल के बाद एक बार फिर फिक्की के सहयोग से यूपी ट्रैवल मार्ट का आयोजन इस बार गोरखपुर की आध्यात्मिक धरती पर किया है। इसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश की पर्यटन क्षमता को प्रदर्शित करना है। उत्तर प्रदेश भारतीय सभ्यता, आध्यात्मिकता और गंगा नदी से जुड़ी भूमि के रूप में अत्यधिक महत्व रखता है। उत्तर प्रदेश बौद्ध पर्यटन का भी एक प्रमुख केंद्र है। राज्य में कुशीनगर, श्रावस्ती, कपिलवस्तु, कौशाम्बी, सारनाथ सहित अन्य कई महत्वपूर्ण बौद्ध स्थल हैं। उत्तर प्रदेश में कई अनछुए पर्यटन स्थल भी मौजूद हैं, जिनमें ग्रामीण जीवन, हस्तशिल्प, पारंपरिक भोजन और इको-टूरिज्म से जुड़े गंतव्य शामिल हैं। इसके साथ ही, राज्य बाघों की भूमि के रूप में विकसित हो रहा है। दुधवा, किशनपुर, पीलीभीत, अमानगढ़ और रानीपुर टाइगर रिजर्व इसके प्रमुख उदाहरण हैं। आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अयोध्या, प्रयागराज और काशी विश्वनाथ के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने हाल ही में ‘उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति 2022’ को भी लागू किया है, जो टूर और ट्रैवल ऑपरेटरों के लिए कई लाभकारी प्रावधान प्रदान करती है।” मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा, ‘यूपी में 6 प्रमुख बौद्ध धार्मिक स्थल है, जिसे दुनिया भर के श्रद्धालु देखना चाहते हैं। यहां इको टूरिज्म और ग्रामीण पर्यटन की भी अपार संभावनाएं हैं’।

विश्वास स्वरूप (को चेयर, फिक्की उत्तर प्रदेश स्टेट काउंसिल) ने कहाकि पर्यटन की क्षमता किसी भी राज्य की सामाजिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। इतिहास के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में पर्यटन की अहम भूमिका होती है। यह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देता है, बाजार का विस्तार करता है और रोजगार के साथ-साथ आय के अवसरों को भी बढ़ाता है, जो प्रभावी आर्थिक विकास का एक स्रोत है। पर्यटन क्षेत्र उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख योगदानकर्ता है। यह आज के समय में सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है। आज शिक्षा पर्यटन और पर्यटन अवसंरचना में निवेश को बढ़ावा देना एक आम चलन है। आज के बुनियादी ढांचे में आर्थिक विकास को गति देने और रोजगार पैदा करने में उत्प्रेरक की भूमिका निभाती है, जो बदले में मांग में वृद्धि करता है और एक सकारात्मक निवेश चक्र को प्रेरित करता है। मुझे पूरा विश्वास है कि ट्रैवल मार्ट का अगला संस्करण और भी अधिक प्रतिभागियों के साथ आयोजित किया जाएगा और यह उत्तर प्रदेश के पर्यटन उद्योग को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करेगा।”

सत्र के समापन पर फिक्की राज्य पर्यटन समिति के अध्यक्ष और पर्यटन उद्योग के दिग्गज प्रतीक हीरा ने पर्यटन विकास में फिक्की की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए सभी वक्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया।

ट्रैवल मार्ट प्रदर्शनी का मुख्य सचिव ने किया अवलोकन

ट्रैवल मार्ट में आयोजित प्रदर्शनी में देश-विदेश के कई बड़े होटल समूह, ट्रैवल एंड टूर ऑपरेटर, इवैंट प्लानर्स, वेलनेस टूरिज्म और रूरल टूरिज्म से जुड़ी कंपनियों ने हिस्सा लिया। इस आयोजन में करीब 12 देशों के 100 से अधिक पर्यटन क्षेत्र के स्टेकहोल्डेर्स ने मंच साझा किया। इस मंच के सुझावों से प्रदेश सरकार नए बुनियादी ढांचे और पर्यटन सुविधाओं के विकास पर जोर दे रही है। पर्यटन विभाग इस आयोजन के माध्यम से प्रदेश के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक एवं इको टूरिज्म, ग्रामीण पर्यटन, कूज टूरिज़म के साथ मेडिकल और वेलनेस टूरिज़म की ब्रांडिंग और मार्केटिंग कर रही है।

यूपी ट्रैवल मार्ट के दूसरे दिन मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा और प्रमुख सचिव पर्यटन, मुकेश कुमार मेश्राम ने ट्रैवल प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने मौजूद प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए। वहीं, शाम के समय बाबा गोरखनाथ मंदिर में दर्शन के बाद ट्रैवल मार्ट के प्रतिभागियों के लिए मंदिर प्रांगण में लाइट एंड साउंड शो का आयोजन किया गया।

गोरखपुर से होगा फैम ट्रिप का आयोजन

यूपीटीएम के तहत 26 से 29 अप्रैल तक फैम ट्रिप का आयोजन किया जाएगा, जिसमें टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटरों द्वारा गोरखपुर-वाराणसी-सारनाथ-कौशांबी-प्रयागराज के पूर्वी उत्तर प्रदेश का भ्रमण कराया जाएगा।