कानपुर (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। आईआईटी कानपुर में सेंटर फॉर एनर्जी रेगुलेशन (सीईआर) और एनर्जी एनालिटिक्स लैब (ईएएल) ने हाल ही में भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के सचिव पंकज अग्रवाल (आईएएस) के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी की। प्रतिनिधिमंडल में पीयूष सिंह (संयुक्त सचिव, एमओपी), हेमन्त पांडे (मुख्य अभियंता, एमओपी) और शाश्वतम (कार्यकारी निदेशक, नेत्रा) जैसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के दौरान, प्रोफेसर अनूप सिंह (संस्थापक और समन्वयक, सीईआर और ईएएल, आईआईटी कानपुर) ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। उन्होंने क्षेत्रीय सुधारों, बाजार विकास सहित भारतीय बिजली क्षेत्र से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों जिनमें वितरण प्रणाली संचालक, कार्बन ऑफसेट बाजार, भंडारण समाधान और नियामक प्रशासन पर व्यापक चर्चा की। इस बातचीत ने उन्हें क्षेत्र के भीतर चुनौतियों और अवसरों की अंतर्दृष्टि प्रदान की।
प्रतिनिधिमंडल को रिसर्च स्कॉलरों और सीईआर-ईएएल टीम के साथ बातचीत करने का अवसर मिला। जिससे वहां चल रही अनुसंधान पहलों और किए जा रहे नवीन कार्यों की गहरी समझ विकसित हुई। पंकज अग्रवाल संस्थान के शैक्षणिक प्रयासों में गहरी रुचि दिखाते हुए, स्कॉलरों द्वारा उनके शोध प्रबंधों के लिए अपनाए गए वर्तमान शोध विषयों में सक्रिय रूप से शामिल रहे।
उन्होंने क्षेत्रीय और बाजार सुधार प्रक्रिया के साथ-साथ सोलर रुफ-टॉप प्रोग्राम सहित प्रमुख पहलों पर भी प्रकाश डाला। चर्चा में खुदरा प्रतिस्पर्धा, बिजली बाजार डिजाइन और विकास, ऊर्जा मूल्य पर MBED और SCED प्रभाव, ISTS छूट के आर्थिक पहलू, ग्रीन ट्रैडिंग, स्मार्ट मीटरिंग तकनीक, परिपत्र अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन और बिजली क्षेत्र के भीतर प्रोत्साहन सहित भारतीय बिजली क्षेत्र में वर्तमान और उभरते मुद्दों पर चर्चा हुई। श्री अग्रवाल ने क्षेत्र के लिए आगामी नीतियों और कार्यक्रमों को डिजाइन करने में मदद के लिए इन मुद्दों पर विस्तृत जानकारी मांगी है।
प्रोफेसर अनूप सिंह ने सीईआर और ईएएल की उपलब्धियों और अनुसंधान फोकस क्षेत्रों पर एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी और प्रबंधन विज्ञान विभाग (DoMS) की डिजिटल शिक्षा पहल पर प्रकाश डाला। जिसमें “पावर सेक्टर रेगुलेशन, इकोनॉमिक्स और मैनेजमेंट” पर ई-मास्टर्स डिग्री प्रोग्राम और रेगुलेटरी सर्टिफिकेशन प्रोग्राम जैसे ऑनलाइन कार्यक्रम शामिल हैं।
दोपहर के सत्र में बैटरी भंडारण और स्मार्ट ग्रिड पर ध्यान केंद्रित करने वाली महत्वपूर्ण अनुसंधान सुविधाओं का दौरा किया गया। साथ ही संकाय सदस्यों द्वारा केंद्रित प्रस्तुतियाँ भी दीं गईं। इन गतिविधियों ने संस्थान के अनुसंधान क्षेत्रों, विशेष रूप से सतत ऊर्जा इंजीनियरिंग विभाग के द्वारा की जा रही पहलों पर प्रकाश डाला। पंकज अग्रवाल ने अर्थ-एबंडेंट मटेरियल पर आधारित उच्च शक्ति और ऊर्जा घनत्व अनुप्रयोगों के लिए Na-ion बैटरी और कैथोड रसायन विज्ञान से संबंधित अनुसंधान के लिए विशेष उत्साह व्यक्त किया।