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अवध कुंज पार्क व सहारा स्टेट मार्ग का नामकरण प्रो. कमला श्रीवास्तव के नाम पर किये जाने की मांग

अवध की सांस्कृतिक स्तम्भ थीं प्रोफेसर कमला श्रीवास्तव

▪️लोक चौपाल में दी गयी भावभीनी श्रद्धांजलि

▪️उठी मांग, अवध कुंज पार्क हो अवध कोकिला के नाम 

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। संगीत विदुषी प्रो. कमला श्रीवास्तव को अवध का सांस्कृतिक स्तम्भ बताते हुए कलाकारों और समाजसेवियों ने उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। रविवार को सिंचाई विभाग के आफिसर्स क्लब में लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा आयोजित लोक चौपाल में उन्हीं के सिखाये गीतों की प्रस्तुति से उन्हें याद किया गया। इस दौरान अवध जिमखाना क्लब के निकट स्थित अवध कुंज पार्क का नामकरण अवध कोकिला प्रो. कमला श्रीवास्तव पार्क करते हुए उनकी प्रतिमा लगाने तथा रिंग रोड से सहारा स्टेट वाली सड़क का नामकरण प्रो. कमला श्रीवास्तव मार्ग किये जाने की मांग भी उठाई गई। 

सांगीतिक श्रद्धार्पण का शुभारम्भ करते हुए कला समीक्षक डा. एसके गोपाल ने कहा कि 92 की आयु में भी प्रो. कमला पूरी जीवंतता के साथ लोक साहित्य और लोक संस्कृति के लिए समर्पित रहीं। अपना देहदान कर उन्होंने आदर्श प्रस्तुत किया। उनका जीवन एक मिसाल है। लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने बताया कि 1982 में नयी दिल्ली में हुए एशियाड खेल के दौरान पंडित बिरजू महाराज ने कमला श्रीवास्तव के लिखे व गाये गीतों को सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में समाहित किया था। वे अच्छी कवयित्री, लेखक, चित्रकार, संगीतकार तो थी हीं, शास्त्रीय और लोक संगीत की मर्मज्ञ विदुषी थीं। राजधानी में प्रत्येक माह होने वाली लोक चौपाल के 58 आयोजनों में उन्होंने चौपाल चौधरी की भूमिका निभाई थी।

कार्यक्रम के दौरान पद्मश्री योगेश प्रवीन और प्रो. कमला श्रीवास्तव के निधन से रिक्त हुए चौपाल चौधरी के पद पर वरिष्ठ लोक गायिका विमल पन्त और पद्मा गिडवानी तथा चौपाल प्रभारी के पद पर अर्चना गुप्ता का मनोनयन हुआ। कार्यक्रम में प्रो. कमला श्रीवास्तव के लोक अवदान पर चर्चा हुई वहीं कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से अपनी भावांजलि अर्पित की। नीरा मिश्रा ने निर्गुण कैसे कटी रतिया, वन्दना शुक्ला ने राम से बड़ा राम का नाम आदि गीत प्रस्तुत किये। वहीं पद्मश्री योगेश प्रवीन के लिखे और प्रो. कमला श्रीवास्तव के गाये भगवती आराधना गीत नमो कालरात्रि नमो देवमाता पर सुमन मिश्रा और नेहा प्रजापति ने मनमोहक नृत्य किया। इसके साथ ही रंजना शंकर, रेखा अग्रवाल, डा. सरोजिनी सक्सेना, ऋचा जोशी, ज्योति किरन रतन, आभा शुक्ला, रुपाली रंजन श्रीवास्तव, आशा सिंह रावत, रचना गुप्ता, अलका चतुर्वेदी, संगीता खरे, मीनू पाण्डेय आदि ने भी संस्मरण सुनाये तथा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं।

इस अवसर पर हेमलता त्रिपाठी, वरिष्ठ समाजसेवी डा. अनिल गुप्ता, सोनल ठाकुर, जीतेश श्रीवास्तव, स्वर्णकान्ति साहू, डा. एसके गोपाल, सीए मयंक गुप्ता, सौरभ कमल सहित अन्य मौजूद रहे।