लखनऊ (एजेंसी/टेलीस्कोप टुडे डेस्क)। एचडीएफसी बैंक ने अपने लगातार जारी डिजिटल बैंकिंग जागरूकता अभियान के एक हिस्से के तौर पर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर में सुरक्षित बैंकिंग कार्यशालाओं की एक सीरीज़ का आयोजन किया। बैंक ने 2024 की शुरुआत 900 से अधिक ऐसी वर्कशॉप्स का आयोजन करके किया, जिसमें 28,000 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रेक्टिसिज के बारे में जागरूक किया गया।
इन वर्कशॉप्स का उद्देश्य स्कूल कम कॉलेज के छात्रों, ग्राहकों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों, वरिष्ठ नागरिकों, स्वयं सहायता समूहों (सेल्फ हेल्प ग्रुप्स-एसएचजी) और कर्मचारियों को शिक्षित करना था। इन इंटरेएक्टिव सेशंस के माध्यम से, प्रतिभागियों को सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रेक्टिसिज पर बहुमूल्य जानकारी प्राप्त हुई ताकि वे साइबर धोखाधड़ी का शिकार न हों।
वर्कशॉप में डिजिटल सुरक्षा की व्यापक समझ सुनिश्चित करते हुए कई उपयोगी और आज के दौर में प्रासंगिक विषयों को शामिल किया गया।
1. आईएफएडब्ल्यू की पृष्ठभूमि: उपस्थित लोगों को डिजिटल जागरूकता के बारे में उपयोगी जानकारी प्रदान करने के साथ ही इंटरनेशनल फ्रॉड अवेयरनेस सप्ताह के मिशन/भूमिका से परिचित कराया गया।
2. साइबर फ्रॉड अवेयरनेस: विशिंग, फिशिंग, स्मिशिंग, रिमोट डिवाइस एक्सेस, सिम स्वैप और यूपीआई धोखाधड़ी जैसे सामान्य साइबर खतरों को समझाते हुए विस्तृत चर्चा की गई। इनके समझ को गहरा करने के लिए वास्तविक जीवन के उदाहरणों का उपयोग किया गया।
3. सुरक्षित नेट-बैंकिंग और शॉपिंग टिप्स: सत्रों में सुरक्षित ऑनलाइन लेनदेन के लिए बेस्ट प्रेक्टिसिज के बारे में बताया गया, विजिल आंटी के महत्व पर प्रकाश डाला गया और सुरक्षित ऑनलाइन शॉपिंग के लिए उपयोगी टिप्स दिए गए।
4. निवारक उपाय: उपस्थित लोगों को ओटीपी, सीवीवी, डेबिट/क्रेडिट कार्ड पिन और यूपीआई पिन जैसी संवेदनशील जानकारी का खुलासा न करने के लिए भी उपयोगी निर्देश दिए गए।
इस प्रयास के बारे में बातचीत करते हुए मनीष अग्रवाल (एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट, क्रेडिट इंटेलिजेंस एंड कंट्रोल, एचडीएफसी बैंक) ने कहा कि “वित्तीय लेन-देन करते समय धोखाधड़ी के बारे में वित्तीय शिक्षा और जागरूकता तेजी से विकसित हो रहे डिजिटल युग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इन जागरूकता सत्रों का उद्देश्य प्रतिभागियों को धोखेबाजों द्वारा उपयोग किए जाने वाले विभिन्न तौर-तरीकों और सुरक्षित बैंकिंग प्रेक्टिसिज के बारे में शिक्षित करना है जिनका उन्हें पालन करने की आवश्यकता है। साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने से बचने के लिए जागरूकता पहला कदम है।”
चालू वित्तीय वर्ष में, एचडीएफसी बैंक ने पूरे भारत में 6,200 से अधिक ऐसे सत्र आयोजित किए हैं और समाज के विभिन्न क्षेत्रों को कवर करते हुए 79,000 से अधिक प्रतिभागियों तक पहुंच बनाई है।
बैंक ग्राहकों को डिजिटल रूप से लेनदेन करते समय सतर्क रहने और सुरक्षित बैंकिंग आदतें अपनाने और अपनी गोपनीय बैंकिंग जानकारी किसी के साथ साझा करने से बचने के लिए प्रोत्साहित करता है। यदि कोई ग्राहक धोखाधड़ी का शिकार हो जाता है, तो उन्हें तुरंत अपनी संबंधित शाखा से संपर्क करना चाहिए और 1930 (नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल द्वारा हेल्पलाइन नंबर) पर कॉल करना चाहिए।