अशोक सिंहल वो थे, जिन्होंने हिंदुत्व की सदी का शंखनाद कर कोटि-कोटि हिन्दुओं को एक साथ ला खड़ा किया। अशोक सिंहल वो थे, जिन्होंने संत समाज के साथ मिलकर प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि को बाबरी के कलंक से मुक्त कर भव्य मंदिर निर्माण की आधार शिला रखी।
अशोक सिंहल वो थे, जिन्होंने धार्मिक रूप से मृत हो चुके हिन्दू समाज को पुनर्जागरण के लिए प्रेरित किया। अशोक सिंहल वो थे, जिन्होंने सेक्युलरिजम की जकड़ में आ चुकी भारत की राजनीति को धर्म की ओर झुकाया।
हां वो हमारे अंतिम योद्धा थे, जिन्होंने धर्म के लिए सर्वस्व न्योछावर किया, जिनका हिंदुत्व के प्रतीकों की पुनर्स्थापना के अलावा कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं था, न ही कोई व्यक्तिगत महत्वकांक्षा थी।
हिंदुत्व के शिखर पुरुष, श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के सूत्रधार श्रद्धेय अशोक सिंहल जी अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी स्मृतियां शेष हैं।
साभार : सोशल मीडिया