– डॉ0 एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में में स्टार्टअप संवाद 2.0 में प्रदेश के 48 स्टार्टअप का किया गया प्रदर्शन
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में रविवार को पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम की जयंती इनोवेशन डे के रूप में मनाई गई। इस दौरान विश्वविद्यालय के इनोवेशन हब और आई हब गुजरात के सहयोग से स्टार्टअप संवाद 2.0 का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि मौजूद मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने किया। कार्यक्रम में कृषि, तकनीकी, स्वास्थ्य सहित सर्विस से जुड़े 48 स्टार्टअप का प्रदर्शन किया गया।
इस मौके पर मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने कहाकि हाल ही में आयी स्टार्टअप रिपोर्ट के अनुसार भारत में 90 हजार से ज्यादा स्टार्टअप पंजीकृत हैं, जो कि दुनिया में चौथे स्थान पर है। वहीं स्टार्टअप के लिए इकोसिस्टम के मामले में देश दुनिया में तीसरे पायदान पर स्थित है। जबकि उत्तर प्रदेश में दस हजार के करीब स्टार्टअप पंजीकृत हैं। इससे पता चलता है कि पिछले कुछ सालों में स्टार्टअप को लेकर सरकार की ओर से किये जा रहे प्रयास का परिणाम अब दिखने लगा है। पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन ऑफ इंडिया डॉ. कलाम साहब हमेशा बच्चों में छिपी प्रतिभा को निखारने और सामने लाने का प्रयास करते थे। उनका यह सपना स्टार्टअप के जरिये सच हो रहा है। युवा प्रतिभा अपने आइडिया से समाज की सस्याओं को दूर करने का प्रयास कर रही है। लेकिन हमें उन आइडिया को स्टार्टअप और फिर सफल बिजनेस मॉडल के रूप में विकसित करना होगा। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में पिछले कुछ सालों में प्रदेश स्टार्टअप के लिए अनुकूल बना है। जिसका फायदा काफी हद तक स्टार्टअप प्रदेश के युवाओं को मिल रहा है। उन्होंने कहाकि स्टार्टअप का अर्थ है हमारी आस-पाास की समस्याओं का अपने आइडिया के जरिये समाधान देना। साथ ही उस आइडिया को स्टार्टअप में बदलकर वृहद स्तर पर बिजनेस में बदलना। युवाओं के लिए जरूरी है कि वो नौकरी करने की मानसिकता से बाहर निकलकर अपने आसपास की समस्याओं को पहचानें और फिर उन्हें दूर करने का आइडिया विकसित करें। उन्होंने कहा कि हर बड़ा काम छोटी शुरूआत से होता है। इसलिए स्टार्टअप भी छोटे से शुरू करना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने छात्रों के लिए संभावनाओं के नये द्वार खोले हैं। अब पाठ्यक्रम में लचीलापन है। यदि कोई छात्र पढ़ाई के दौरान ही अपना स्टार्टअप या अन्य कोई काम शुरू करना चाहता है तो उसे ब्रेक दिया जा सकता है। इसका फायदा कहीं न कहीं स्टार्टअप को मिलेगा। मुख्य सचिव ने कहा कि नयी बन रही स्मार्ट सिटी में अपना इनोवेशन हब स्थापित किया जा रहा है। जिसका मकसद है वहां की सस्याओं का नये आइडिया के जरिये समाधान ढूढ़ना। उन्होंने छात्रों से नौकरी की बजाय कुछ नया करने और रिस्क लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि दृढ़ इच्छा शक्ति और जोखिम लेने की काबिलियत किसी भी युवाओं को सफल बना सकती है। उसे अवसर को सफलता में बदलने के लिए हमेशा प्रयासरत रहना होगा।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त मुख्य सचिव एमएसएमई अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि युवाओं की आंखों में सपने हैं और वे कुछ बड़ा करना चाहते हैं। ऐसे में उन्हें अवसर देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उनके सपने को पूरा करने के लिए स्टार्टअप एक बड़ा अवसर है। युवा स्टार्टअप के जरिये न केवल अपने सपने को हकीकत में बदल सकते हैं बल्कि प्रदेश और देश की प्रगति में भागीदार भी बन सकते हैं। कहा कि स्टार्टअप जोखिम लेने का कार्य है। जिसमें कुछ नया और अलग करने का जज्बा है उसे जोखिम लेना ही पड़ेगा। स्टार्टअप के दौरान हो सकता है कि आप शुरूआत में लड़खड़ाएं, असफल हों लेकिन लगातार प्रयास के जरिये आप सफलता के मुकाम को हासिल कर सकते हैं। उन्होंने राष्ट्रकवि दिनकर की कविता रश्मिरथि की कुछ पंक्तियां पढ़कर युवाओं में जोश भरा।
इस मौके पर प्लानिंग विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने कहा कि पिछले दो तीन सालों में स्टार्टअप को लेकर सरकार की ओर से चल रहे अभियान का असर अब दिखने लगा है। युवा स्टार्टअप के लिए आगे आ रहे हैं। शैक्षणिक संस्थानों से ही नहीं ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले भी स्टार्टअप अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप की संस्कृति को पूरे प्रदेश में विकसित करने के लिए हर जिले में एक इन्क्युबेटर हो, इसका प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने स्टार्टअप पॉलिसी के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की।
यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन की प्रबंध निदेशक नेहा जैन ने प्रदेश के स्टार्टअप को सहयोग देने और हर स्तर पर मदद करने की बात कही। कहा कि हमारा जोर स्टार्टअप को आगे बढ़ाने पर है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने कहा कि पिछले दो वर्षों में विश्वविद्यालय ने प्रदेश में स्टार्टअप इको सिस्टम बनाने का प्रयास किया है। जिससे कि हर क्षेत्र में स्टार्टअप हो सके। अब छात्रों की सोच में परिवर्तन आया है। बतौर मेंटॉर हमारी जिम्मेदारी है कि छात्रों को स्टार्टअप के लिए प्रेरित करने के साथ ही उनको सहयोग देने पर पूरा फोकस करें। आई हब गुजरात के अधिकारी ने भी अपना संबोधन किया। इसके पहले अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन और डॉ. कलाम जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संचालन वंदना शर्मा और धन्यवाद सहायक कुलसचिव डॉ. आयुष श्रीवास्तव ने दिया। इस मौके पर प्रो. वंदना सहगल, उपकुलसचिव डॉ. आरके सिंह, डॉ. डीपी सिंह, डॉ. अनुज कुमार शर्मा, इनोवेशन हब के हेड महीप सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
एग्जिबिशन ने जीता दिल
स्टार्टअप संवाद के दौरान प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आये स्टार्टअप के लिए एग्जिबिशन लगाया गया था। 48 स्टॉल पर स्टार्टअप का मॉडल लगाया गया था। जिसका निरीक्षण मुख्य अतिथि मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र व अन्य अतिथियों ने किया। अतिथियों ने स्टार्टअप प्रोडक्ट की जानकारी भी ली। एग्जिबिशन में एक से बढ़कर एक प्रोडक्ट लगे थे। किसी ने डिलेवरी ड्रोन बनाया है तो किसी ने भांग के पौधे से बनी वस्तुओं का स्टार्टअप प्रस्तुत किया था।
आई हब गुजरात के साथ हुआ एमओयू
कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के स्टार्टअप को आगे बढ़ाने और उनके मेंटॉरशिप के लिए मुख्य सचिव महोदय की मौजूदगी में आईहब गुजरात और इनोवेशन हब में एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। एमओयू वित्त अधिकारी सुशील कुमार गुप्ता ने आदान-प्रदान किया।