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महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ़ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी : दीक्षांत समारोह में दिखी भारतीय संस्कृति की अदभुत झलक

557 विद्यार्थियों को मिली डिग्रियां

लखनऊ (शम्भू शरण वर्मा/टेलीस्कोप टुडे)। भजनों व मंत्रोच्चार से गुंजायमान समारोह पंडाल, भारतीय परिधान में मौजूद स्टूडेंट्स व टीचर्स। सोमवार को आयोजित महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ़ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के चौथे दीक्षांत समारोह में भारतीय संस्कृति व सनातनी परंपरा की अदभुत झलक दिखी। माहौल बिलकुल वैसा ही था जैसे किसी गुरुकुल में छात्र शिक्षा हासिल करता है। प्रोफेसर्स भी पारंपरिक परिधान में नजर आए। वेस्टर्न कल्चर के नाम पर यहां न तो गाउन-हैट था, न ही शर्ट, स्कर्ट और न ही ब्रिटिश ड्रम बीट की गूंज। दीक्षांत समारोह की शुरुआत हुई तो अकादमिक यात्रा के दौरान ब्रिटिश बैंड की ड्रम बीट नहीं, बल्कि वैदिक ऋचाएं, मंत्रोच्चार सुनाई दीं।

भव्य दीक्षांत समारोह में 2021-22 शैक्षणिक सत्र के 557 विद्यार्थियों को डिग्रियां वितरित की गई। बतौर मुख्य अतिथि मौजूद राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी और महर्षि यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति अजय प्रकाश श्रीवास्तव ने डिग्रियां व उपाधियाँ देते हुए उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं भी दीं।

महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ़ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के परिसर में राज्य सभा सदस्य डॉ. सुधांशु त्रिवेदी के मुख्य आतिथ्य और विधायक और पूर्व संयुक्त निदेशक, प्रवर्तन निदेशालय राजेश्वर सिंह के विशिष्ट आतिथ्य में दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ। इस अवसर पर गेस्ट ऑफ़ ऑनर, किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर सोनिया नित्यानंद और आचार्य नरेंद्र देव कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या के कुलपति प्रोफ़ेसर (डॉ.) बिजेंद्र सिंह भी उपस्थित रहे।  

इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि विद्यार्थी अपने ज्ञान व कौशल से सर्वोच्च लक्ष्य प्राप्त कर, दुनियाभर में भारत का नाम रोशन करें। प्रधानमंत्री द्वारा प्रदत्त अमृतकाल इन्हीं युवाओं के लिए है जो आज यहां डिग्रियां और उपाधियां प्राप्त कर रहे हैं। 

दीक्षांत समारोह में शैक्षणिक सत्र  2021-22 की पीएचडी उपाधियां, स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्रियां व विभिन्न संकायों में मेधावी रहे विद्यार्थियों को डिग्रियां देकर सम्मानित भी किया गया। इनमें 22 शोध उपाधि (पीएचडी), 499 स्नातक और स्नातकोत्तर उपाधियाँ एवं 58 मेधावियों को मेडल भी दिये गये।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि एमएलए राजेश्वर सिंह ने कहा कि महर्षि महेश योगी द्वारा प्रदत्त भावातीत ध्यान एक ऐसी विधा है जो भारत के साथ साथ पूरी दुनिया को आलोकित कर रही है। यह आपके लिए बहुत अच्छी बात है कि आपने ऐसी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विपरीत परिस्थितियों के बाबजूद भारत की वैश्विक अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने उपाधियाँ एवं स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनायें दीं, साथ ही कहा कि सफलता के पीछे सच्चे अर्थों में आप सबकी मेहनत के साथ-साथ अभिभावकों, आचार्यों एवं प्राध्यापकों का भी योगदान है। विद्यार्थी अपने माता-पिता के त्याग व योगदान को कभी न भूलें।

कुलाधिपति अजय प्रकाश श्रीवास्तव ने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनायें देते हुए कहा कि आप सबकी सफलता में आपके माता-पिता का बड़ा योगदान है, उनके प्रयासों को कभी न भूलें। साथ ही महर्षि जी का भावातीत ध्यान रूपी ज्ञान आपके जीवन में बहुत मूल्यवान होगा। इसका अपने जीवन में नित्य अभ्यास करते रहें।

महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ़ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के कुलपति प्रोफ़ेसर (डॉ.) भानू प्रताप सिंह ने रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए यूनीवर्सिटी की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया और विद्यार्थियों के स्किल डेवलपमेंट, इंटर्नशिप और प्लेसमेंट के बारे में भी चर्चा की। इस अवसर पर दीक्षांत समारोह की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट का विमोचन भी किया गया। दीक्षांत समारोह की शुरुआत आचार्यों, विद्या परिषद तथा कार्य परिषद के सदस्यों की विद्वत पदयात्रा और गुरु पूजा से शुरू हुआ और डिग्रियां व उपाधियां देने के साथ दीक्षांत समारोह का समापन किया गया। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में महर्षि यूनिवर्सिटी के प्रो. (ग्रुप कैप्ट.) ओपी शर्मा (मेंबर बीओजी), राहुल भारद्वाज (मेंबर बीओजी), पंकज शर्मा, वरुण श्रीवास्तव (वित्त अधिकारी), लखनऊ और नोएडा कैंपस के अधिष्ठाता (शैक्षणिक) डॉ. सपन अस्थाना और डॉ. तृप्ती अग्रवाल, गिरीश छिमवाल (उप-कुलसचिव), केके शुक्ला (परीक्षा नियंत्रक), राजेश सिंह (वरिष्ठ प्रशासिनक अधिकारी), कार्य परिषद् और विद्या परिषद् के सदस्य एवं यूनिवर्सिटी संकाय सदस्य सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी एवं अभिभावक उपस्थित रहे।कुलसचिव प्रोफ़ेसर (डॉ.) अखंड प्रताप सिंह ने कार्यक्रम समाप्ति पर सभी का आभार भी व्यक्त किया।