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राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच ने आगामी आन्दोलनों के लिए रणनीति बनाई

लखनऊ (टेलिस्कोप टुडे संवाददाता)। राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच के राष्ट्रीय,प्रदेश पदाधिकारियों एवं जिलाध्यक्षों की बैठक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर सिंह पुष्कर की अध्यक्षता में रविवार को दारूलशफा विधायक निवास लखनऊ में संपन्न हुई। संगठन को चुस्त-दुरुस्त और आगामी होने वाले आन्दोलनों को करने के लिए प्रदेश पदाधिकारियों को मंडल व जिले की जिम्मेदारी सौंपते हुए प्रदेश स्तरीय सम्मेलन को सफल बनाने की रणनीति तय की गई। जिलाध्यक्षों को 15 दिवस के अंदर जिला कमेटी की सूची उपलब्ध कराते हुए सदस्यता अभियान चलाकर तहसील, ब्लॉक स्तर पर संगठन को मजबूती पहुचाने का निर्देश दिया गया। विभिन्न प्रकोष्ठ के 8 संयोजकों की जिम्मेदारी तय करते हुए संगठन विस्तार की रूपरेखा तय की गयी।

राष्ट्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर सिंह पुष्कर ने मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि रोज़गार के अधिकार सवाल पर पैदा हुई तमाम पार्टियां व उनके युवा अध्यक्ष मौन साधे हुए है,जातिगत पार्टियों की राजनीति में नौजवान हासिये पर है l सिर्फ देश का एक मात्र संगठन है जो नौजवानों, बेरोज़गारों के बेहतर भविष्य एवं शोषण-उत्पीड़न से मुक्त कराकर युवाओं को न्याय मिलने तक सड़क पर संघर्षरत है, उन्होंने बताया कि मंच से जुड़े कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों युवाओं ने अनुशासित तरीके से लगातार छात्रों, नौजवानों, बेरोजगारों के बुनियादी सवालों के समाधान, बेहतर भविष्य एवं न्याय हेतु उनके भूमिका, भागीदारी, अधिकार, सरंक्षण, संवर्धन, सम्मान, स्वाभिमान को सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश भर में युवा अधिकार महासम्मेलन, युवा सत्याग्रह, युवा अधिकार एवं न्याय यात्रा, युवा महापंचायत एवं संवाद कार्यक्रम तथा देश की राजधानी दिल्ली में युवा सत्याग्रह जैसे तमाम कार्यक्रमों के माध्यम से सकारात्मक रूप से हताश-निराश करोड़ों बेरोजगारों, नौजवानों के हक की आवाज बुलंद करते रहे हैं। उत्तर प्रदेश में मंच के विभिन्न मांगों को लेकर व्यापक स्तर पर नौजवानों, बेरोज़गारों को न्याय मिलने तक सड़क पर युवा संसद एवं महापंचायत कार्यक्रम चलाया जा रहा है। बैठक में मुख्य रूप से यह तय हुआ कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की अध्यक्षता में मंच के कार्यकर्ता आगामी चुनावों में भी भाग लेंगे।

शशांक शेखर सिंह पुष्कर ने कहा कि सभी अवगत है कि लगातार सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग जैसी कुप्रथा, अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के विरुद्ध मंच के माध्यम से आवाज उठाते रहे हैं बगैर नीति-नियमावली के कुशल योग्य बेरोजगारों का बड़े पैमाने पर शोषण किया गया, मंच के लगातार प्रयास से सरकार ने काफी कुछ अमूल-चूल परिवर्तन किया,लेकिन ब्यूरोक्रेट एवं कंपनियों की सांठ-गांठ से भ्रष्टाचार की नीयत से नीति तय की गयी इसके पूर्व बिना नीति के बंधुआ मजदूर की तरह योग्य नौजवानों का शोषण किया गया,आज भी समय पर वेतन का भुगतान नहीं हो रहा ईपीएफ, ईएसआई के नाम पर खेल चल रहा है। उस समय तथाकथित कर्मचारी संगठन एवं राजनैतिक दल मौन रहे, लिहाजा इनकी भी जवाबदेही तय होनी चाहिए। मंच सरकार से लगातार मांग कर रहा है कि कुशल-योग्य बेरोज़गारों को कंपनियों की चंगुल से मुक्त करे।

मंच ने अब मजदूरों और व्यापारियों के मुद्दों पर संघर्ष करने का निर्णय लिया है श्रम कानून को कमजोर किया जा रहा है। राजनैतिक दल एवं व्यापारी संगठन बजाय बुनियादी समस्याओं के समाधान के सिर्फ व्यापारियों से चंदा लेते है। व्यापारियों का कोई फोरम नहीं है लाल फीताशाही हावी है जिससे व्यापारियों का उत्पीड़न बढ़ा है, फोरम में जनता, व्यापार से जुड़ा एवं कानून का जानकार व्यक्ति होना चाहिए। 1 जुलाई 2017 को जीएसटी कानून जिस भावना से बनाया गया वह फिसड्डी साबित हो रहा है व्यापारियों के माल को पकड़ने के बाद पूछा जाता है जबकि पकड़ने से पहले उनके पक्ष को सुना जाना चाहिए यह उनके मौलिक अधिकारों, समता के अधिकार आर्टिकल 14(a), स्वतंत्र व्यापार करने के अधिकार (19)1(g)एवं सम्पति के सरंक्षण के विधिक अधिकार 300(a) का खुला उल्लंघन है।

इस मौके पर ई. प्रणव अवस्थी, घनश्याम सिंह पूर्व सैनिक, अनिल सरोज पूर्व सदस्य जिला पंचायत, एड. देवेन्द्र प्रकाश, संतोष सिंह, विजय प्रकाश पांडे, एड. जेपी सिंह, दुर्गेश कुमार, बलवंत चौहान, डॉ. सर्वेश श्रीवास्तव, नंद किशोर आर्या, कु. प्रतिभा,एड. वैष्णवी श्रीवास्तव, नव जीवन निषाद, एड. अभिषेक राजभर, अनिल कुशवाहा, एड. नीलेश सिंह, एड. पंकज सिंह, एड. अशफ़ाक, एड. संदीप वर्मा, अंकित गुप्ता, दीपक चक्रवर्ती, रामकुंवर राजभर, कुनाल दीक्षित, नीरज उपाध्याय, आदित्य प्रताप सिंह, प्रांजल मिश्रा, राहुल वर्मा, वरुण पाठक, आनंद शुक्ला, अतुल सिंह, अजीत यादव, अभिषेक यादव, महेंद्र रावत, केके पांडे सहित सैकड़ों पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।