प्रदेश के त्वरित, सर्वसमावेशी और समग्र विकास के साथ आत्मनिर्भर भारत की नींव प्रस्तुत करने वाला बजट: मुख्यमंत्री
राजकोषीय अनुशासन का रखा पूरा ध्यान, कुशल वित्तीय प्रबंधन से बढ़ा राजस्व: मुख्यमंत्री
नहीं लगाया कोई नया कर नहीं, पेट्रोल-डीजल भी सबसे सस्ता, फिर भी बढ़ा प्रदेश का राजस्व: मुख्यमंत्री
वर्ष 2017-18 में प्रदेश में हमारा जो कुल निर्यात होता था वह मात्र ₹86 से 88 हजार करोड़ के बीच का था, आज वह बढ़कर लगभग ₹1.60 लाख करोड़ के आसपास होने जा रहा
सबसे बड़े बजट में मूलभूत अवसंरचना विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा किसानों, महिलाओं और युवाओं का खास ख्याल
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य सरकार के बजट 2023-24 को आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की भावना का प्रकटीकरण बताया है। विधानसभा में बजट पेश होने के बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में पिछले 06 वर्षों के दौरान ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ की भावना का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रदेश के समग्र विकास में जो प्रयास प्रारंभ हुए हैं। इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा व मार्गदर्शन है। वित्त मंत्री ने प्रदेश के विकास व कल्याण के लिए जो बजट प्रस्तुत किया है, यह उत्तर प्रदेश के त्वरित, सर्वसमावेशी और समग्र विकास के साथ-साथ ‘आत्मनिर्भर भारत’ की तर्ज पर ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ की नींव को प्रस्तुत करने वाला बजट है।
बजट प्रावधानों का सिलसिलेवार जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले हमने घोषणापत्र में कुल 130 वादे किए थे, आज के बजट में उनमें से 110 वादों को समाहित किया गया है। यह वादे पूरे करने की हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में प्रदेश में हमारा जो कुल निर्यात होता था वह मात्र ₹86 से 88 हजार करोड़ के बीच का था, आज वह बढ़कर लगभग ₹1.60 लाख करोड़ के लगभग होने जा रहा है। 06 लाख 90 हजार करोड़ से अधिक के बजट के रूप में उत्तर प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट प्रस्तुत होने पर खुशी साझा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में हमने कर चोरी को रोका और वित्तीय प्रबंधन पर कार्य किया। 2016-17 के 3.40 लाख करोड़ के बजट के सापेक्ष यह बजट दोगुना है। इस दौरान कोई नया कर जनता पर नहीं लगाया गया, जबकि प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर कर में छूट दी गई और आज अन्य राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश में पेट्रोल व डीजल सस्ता है। बावजूद इसके न केवल प्रदेश का राजस्व संग्रह बढ़ा है, बल्कि राजकोषीय अनुशासन का पूरा ध्यान भी रखा गया और सरकार की आय में वृद्धि भी हुई है। राज्य की मजबूत वित्तीय स्थिति का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में बजट का लगभग 8% हिस्सा पुराने ऋण के बकाये में चला जाता था लेकिन कुशल वित्तीय प्रबंधन से आज यह 6% तक आ गया है। यूपी की बेरोजगारी दर जो 2016-17 में 17-18% थी, आज 4% तक रह गई है। सीडी रेशियो में व्यापक सुधार हुआ है और आज यह 55% पर है। उन्होंने कहा कि 2016-17 में राज्य कर का राजस्व ₹86 हजार करोड़ था, जो कि आज 2022-23 में बढ़कर 2 लाख 22 हजार करोड़ तक होने का अनुमान है। वर्ष 2016-17 में सेल्स टैक्स/वैट संग्रह 51883 करोड़ था, आज 1.24 लाख करोड़ तक होने जा रहा है। इसी प्रकार, 2016-17 में स्टेट एक्साइज के रूप में ₹14277 करोड़ मिला था, जो इस वित्त्तीय वर्ष में 49 हजार करोड़ से अधिक प्राप्त होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 में एफआरबीएम एक्ट के अनुसार राजकोषीय घाटे की निर्धारित सीमा 4% के सापेक्ष हम इसे 3.96% तक रखने में सफल हुए हैं। वर्ष 2016-17 स्वयं का राज्य कर कुल राजस्व प्राप्ति का 33% था, जबकि आज वर्ष में 2022-23 बजट दो गुना हो गया, फिर भी यह अनुपात 44% तक होने का अनुमान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016-17 बजट का 20 प्रतिशत वित्त पोषण ऋणों से होता था, जबकि आज वर्ष 2023-24 के बजट में ऋण का प्रतिशत घटकर 16% तक आ गया है। इसी प्रकार, बजट का लगभग 8% ऋणों के ब्याज हेतु खर्च होता था और वर्ष 2022-23 बजट 6.5% रह गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट का आकार प्रदेश की जरूरतों के अनुरूप है। यह लक्ष्य वित्तीय अनुशासन बनाने से प्राप्त हुआ है। हमने हमेशा सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास , सबका प्रयास का प्रतिनिधित्व करने वाला बजट प्रस्तुत किया है। राज्य सरकार ने अपने प्रत्येक बजट में एक थीम को लेकर योजनाबद्ध ढंग से प्रयास किया। वर्तमान सरकार ने वर्ष 2017-18 में अपना पहला बजट किसानों को समर्पित किया था। वर्ष 2018-19 का बजट औद्योगिक विकास तथा बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के लिए था। वर्ष 2019-20 का बजट महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित था। वर्ष 2020-21 का बजट युवाओं तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए समर्पित था। वर्ष 2021-22 के बजट का स्वावलम्बन से सशक्तिकरण का था और 2022-23 का बजट आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश एवं ‘अंत्योदय’ की संकल्पना को समर्पित था। इसी प्रकार 2023-24 के बजट की मूल भावना आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश है। 06 वर्षों में प्रदेश के बजट के आकार में 02 गुने से अधिक की वृद्धि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 6 वर्ष में दोगुनी से अधिक की वृद्धि प्रदेश की बजट में हुई है। इस दौरान प्रदेश के प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक हुई है। उन्होंने कहा कि आज के बजट में जो घोषणाएं हुई हैं, उसमें मुख्य रूप से प्रदेश में एक बड़ा भाग पूंजीगत व्यय के लिए है। इसका मतलब प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विकास पर वो धनराशि खर्च होगी, जो प्रदेश में रोजगार सृजन में एक बड़ी भूमिका का निर्वहन करने जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के इतिहास के इस सबसे बड़े बजट में मूलभूत अवसंरचना विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा किसानों, महिलाओं और युवाओं का खास ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने अब तक प्रदेश में 20 लाख युवाओं को टैबलेट/स्मार्टफोन वितरित किए हैं। अगले 5 वर्ष में कुल 2 करोड़ युवाओं को यह लाभ देंगे। इसी प्रकार, निजी नलकूप से जुड़े जो हमारे अन्नदाता किसान हैं उन्हें हमने पिछले बजट में 50% की छूट दी थी, आने वाले समय में हम उन्हें व्यवस्थित तरीके से 100% छूट देने की व्यवस्था करने जा रहे हैं, इसका प्रावधान बजट में किया गया है।