लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। ज़ी5 की ओरिजनल फिल्म भागवत के मुख्य किरदार, अरशद वारसी और निर्देशक, अक्षय शेरे का तहज़ीब और ऐतिहासिक कहानियों के शहर लखनऊ में भव्य स्वागत हुआ। इन दोनों ने कैसरबाग पुलिस स्टेशन में पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की। यहाँ पर एक विशेष फोटो शूट के साथ उन्होंने शहर में न्याय और कानून व्यवस्था की सराहना की।
भागवत सत्य घटनाओं पर आधारित फिल्म है। यह एक गंभीर और भावनाओं से भरी फिल्म है, जिसमें तफ्तीश के साथ रहस्यों, धोखे और मानव संघर्ष के गहरे राज़ खुलते हैं। यह फिल्म रॉबर्ट्सगंज, उत्तर प्रदेश के देहाती परिदृश्य में फिल्माई गई है, जिसमें न्याय, सहानुभूति और व्यक्तिगत अंतःकरण के बीच होने वाले नैतिक संघर्ष को दिखाया गया है।
अपनी यात्रा के दौरान अरशद और अक्षय ने बताया कि भागवत किस प्रकार वास्तविक दुनिया की समस्याओं, कानूनी संस्थाओं की सहानुभूति और सत्य की तलाश की मानवीय कीमत उजागर करती है। दोनों ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी न्याय व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की सराहना की।

अरशद वारसी ने कहा, “लखनऊ मेरे दिल के करीब है। मेरी एक फिल्म थी ‘सहर’, जिसमें मुख्य किरदार “एसएसपी अजय कुमार” की कहानी लखनऊ पर आधारित थी। एक और फिल्म “डेढ़ इश्किया” की शूटिंग लखनऊ में हुई थी। इसलिए लखनऊ, यहाँ के लोगों और खाने से मेरी प्यारी यादें जुड़ी हुई हैं। इस बार, मैं इन पुलिस अधिकारियों से मुलाक़ात करके बहुत उत्साहित हूँ, जो शक्ति और अखंडता के प्रतीक हैं। भागवत फिल्म में वास्तविक जीवन का साहस और दृढ़ विश्वास दिखाया गया है। इसमें दृढ़ता की शक्ति, संघर्ष करने की इच्छाशक्ति और सत्य में अटल विश्वास दिखाया गया है।”
डायरेक्टर अक्षय शेरे ने कहा, ‘‘लखनऊ का साहस, सम्मान और मानवता की कहानियों से गहरा भावनात्मक और सांस्कृतिक संबंध है। भागवत फिल्म में भी यही दिखाया गया है। यहाँ पर पुलिस अधिकारियों से मुलाकात और न्याय के प्रति उनकी लगन से प्रेरणा मिली है। भागवत केवल अपराध और उसकी जाँच-पड़ताल की फिल्म नहीं है, बल्कि यह यहाँ के लोगों, उनकी पसंद और उनकी अंतरात्मा को प्रदर्शित करती है। शक्ति और सहानुभूति के शहर लखनऊ में यह संदेश लाकर हमें बहुत अच्छा महसूस हो रहा है।’’