दादी-नानी की कहानी में जीतेश श्रीवास्तव ने सुनाई दो मित्रों की प्रेरक कथा
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। गरीबी और कठिनाइयों से जूझते हुए भी यदि इंसान हिम्मत, दोस्ती और साहस के साथ संघर्ष करे तो वह न केवल अपनी किस्मत बदल सकता है, बल्कि समाज के लिए भी कुछ बड़ा कर सकता है। इसी संदेश को आधार बनाकर ‘दादी-नानी की कहानी जीतेश की जुबानी’ कार्यक्रम में बच्चों को एक बोधात्मक कथा सुनाई गई।

लोक संस्कृति शोध संस्थान की मासिक श्रृंखला के 73वें आयोजन के अंतर्गत यह कार्यक्रम बुधवार को इन्दिरा नगर, तकरोही स्थित श्री वर्द्धमान कॉलेज में हुआ।
कथा प्रस्तुति में स्टोरीमैन जीतेश श्रीवास्तव ने दो दोस्तों की रोमांचक यात्रा सुनाई, जिसमें वे खजाने की तलाश में अनेक खतरनाक परिस्थितियों से गुजरते हैं। अंततः प्राप्त धन-संपत्ति का उपयोग वे अपने निजी सुख के बजाय गरीब छात्रों की सहायता के लिए करते हैं और उनके लिए हॉस्टल का निर्माण कराते हैं। इस कथा ने बच्चों को समाज सेवा और सहयोग की प्रेरणा दी।

कार्यक्रम की शुरुआत में बच्चों को टेढ़े-मेढ़े वाक्य पढ़ाकर उच्चारण अभ्यास कराया गया। विद्यालय के प्रबंधक अंकित जैन और प्रधानाचार्य मनु जैन ने कथा प्रस्तोता समूह का स्वागत किया।

इस अवसर पर संस्थान के संरक्षक राज वर्मा, उपाध्यक्ष होमेन्द्र मिश्र, प्रकाशन अधिकारी डॉ. एस.के. गोपाल, लोककथा प्रभारी एवं वरिष्ठ पत्रकार शम्भू शरण वर्मा सहित विद्यालय के अध्यापकगण आशिफ, स्वाति पाठक, शुभी श्रीवास्तव, साक्षी तिवारी, ज्योति शर्मा, रेनू सिंह, ज्योति तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।