लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में मंगलवार को कुलपति प्रो. जेपी पाण्डेय की अध्यक्षता में विद्यापरिषद की बैठक हुई। बैठक में महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए बीटेक पाठ्यक्रम के सातवें सेमेस्टर का 50 फीसदी और आठवे सेमेस्टर को पूरी तरह से ऑनलाइन कक्षा चलाने को हरी झंडी दी गयी है। यह निर्णय अंतिम वर्ष में छात्रों के इंटर्नशिप, प्रोजेक्ट कार्य, इंडस्ट्री में काम करने और सिविल सर्विसेस, गेट आदि प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के मद्देनजर लिया गया है। मूक्स के जरिये छात्र अपनी सुविधानुसार कक्षाएं कर सकेगा।
बैठक में एआईसीटीई के अनुसार अधिकतम 40 प्रतिशत क्रेडिट के कोर्स मूक्स के जरिये चलाये जाने का भी निर्णय लिया गया है। मूक्स पर ज्यादातर इंडस्ट्री ओरिएंटेड और रोजगार परक कोर्स उपलब्ध हैं। इनके जरिये कोर्स करने पर छात्रों को स्किल्ड बनाने में सहायता होगी। इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डुएल डिग्री के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया। छात्र एकेटीयू अलावा ऑनलाइन माध्यम से किसी अन्य विश्वविद्यालय से डिग्री ले सकता है।
साथ ही वर्किंग प्रोफेशनल को बीटेक करने की भी सुविधा पर भी बैठक में मुहर लगी। ऐसे लोगों को लेटरल एंट्री की अर्हता के साथ बीटेक में प्रवेश दिया जाएगी। इनकी कक्षाएं शाम को संचालित की जाएंगी। कोर्स पूरा करने के लिए इन्हें एक अतिरिक्त सेमेस्टर की भी पढ़ाई करनी होगी। बैठक में बीसीए पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए इंटरमीडिएट में गणित की अनिवार्य को अब खत्म कर दिया गया है। 12वीं पास कोई भी छात्र बीसीए में प्रवेश ले सकता है। हालांकि प्रथम वर्ष में उसे गणित में ब्रिज कोर्स कराया जाएगा।
वहीं डिग्रियों को सुरक्षित रखने के लिए अब पूरी तरह से ब्लॉकचेन तकनीकी के इस्तेमाल करने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी गयी। यू पी आई डी नोएडा में संचालित एमबीए पाठ्यक्रम की 50% सीट वर्किंग प्रोफेशनल के लिए आरक्षित पर सैद्धांतिक सहमति बनी।
बैठक में प्रतिकुलपति प्रो0 राजीव कुमार, आईईटी के निदेशक प्रो0 विनीत कंसल, सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज के निदेशक प्रो0 वीरेंद्र पाठक डीन यूजी प्रो0 अनुराग त्रिपाठी, डीन पीजी प्रो0 सीतालक्ष्मी, डीन यूपीटीएसी प्रो0 ओपी सिंह, उपकुलसचिव डॉ0 डीपी सिंह, सहा0 कुलसचिव डॉ0 आयुष श्रीवास्तव, एसो0 डीन यूजी डॉ0 अनुराग वर्मा सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।