Monday , January 20 2025

लोक चौपाल में भजन, तहरी भोज संग उड़ी रंग बिरंगी पतंगें

  • दूसरे के गले की फांस न बने पतंग की डोर
  • लोक संस्कृति शोध संस्थान का आयोजन, सांस्कृतिक प्रतिमानों को बचाने की वकालत

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा लोक जीवन में मकर संक्रान्ति विषय पर लोक चौपाल सजाई गई। रविवार को पक्का पुल के निकट गोमती किनारे स्थित अहिमर्दन पातालपुरी मन्दिर परिसर में हुए आयोजन में विषयाधारित परिचर्चा, भजनों की प्रस्तुति और तहरी भोज के साथ साथ पतंगबाजी भी हुई। लोगों ने पुराना लखनऊ के पतंगबाज खिलाड़ियों से पतंग उड़ाना सीखा।

चौपाल प्रभारी अर्चना गुप्ता ने राम स्तुति से कार्यक्रम की शुरुआत की तथा भगवान राम द्वारा पतंग उड़ाये जाने का प्रसंग बताया। संस्थान के अध्यक्ष जीतेश श्रीवास्तव ने विषय प्रवर्तन करते हुए लोक जीवन में मकर संक्रान्ति के उल्लास और खानपान पर चर्चा की। केजीएमयू नेत्र रोग विभाग की सेवानिवृत अध्यक्ष प्रो. विनीता सिंह ने पतंग उड़ाने से आंखों को होने वाले लाभ की चर्चा करते हुए बताया कि इससे दृष्टिदोष निवारण में लाभ होता है।

धर्म दर्शन न्यास के अध्यक्ष बलराम मिश्र ने चाइनीज माझे और पतंग से होने वाली दुर्घटनाओं की चर्चा की और कहा कि पतंग की डोर दूसरे के गले की फांस न बने इसका ध्यान रखा जाये। सोशल लाइफलाइन फाउण्डेशन के अध्यक्ष डा. अनिल गुप्ता ने मकर संक्रान्ति के लोक महत्व पर प्रकाश डाला और पुराना लखनऊ की पतंगबाजी पर चर्चा की। वीमेंस एशोसिएशन की अध्यक्ष प्रतिमा बाजपेयी ने चौपाल परम्परा को सराहा वहीं प्रो. कमला श्रीवास्तव की अनुजा व वरिष्ठ गायिका विनीत सिन्हा ने संक्रान्ति के निहितार्थ बताये। सेवानिवृत्त संयुक्त स्वास्थ्य निदेशक डा. अनिल मिश्र ने लोक संस्कृति के प्रतिमानों को बचाने और बढ़ाने की वकालत की। अहिमर्दन पातालपुरी मन्दिर ट्रस्ट के प्रतिनिधि ऋद्धि किशोर गौड़ ने सभी आगन्तुकों का स्वागत किया।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में वरिष्ठ लोक गायिका नीरा मिश्रा ने गंगा तोरी लहर सबही के मन भावे, अरुणा उपाध्याय ने गंगा तोरी लहर दुधनार, शकुन्तला श्रीवास्तव ने अवध में राम आये हैं, रचना गुप्ता ने राम नाम मुक्ति का साधन, रेखा अग्रवाल ने गणेश गीत, संगीता खरे ने सीताराम सीताराम, सरिता अग्रवाल ने संगम पे छाय रहब छानी, अलका चतुर्वेदी ने जहां रामायण हो हैं राम वहाँ, स्क्वाड्रन लीडर राखी अग्रवाल ने गंगा गीत तथा दिलीप श्रीवास्तव ने ओ दुनिया के रखवाले सुनाया।

पतंगबाज सौरभ पाल, अरुण कश्यप, शिवांश सागर और मानस कश्यप ने पतंगों के प्रकार बताते हुए कन्नी बांधना और पतंग उड़ाने का तरीका बताया। बचपन में पतंग उड़ाने वाले कई लोगों ने वर्षों बाद पतंग उड़ाया। इस मौके पर तहरी प्रसाद वितरण भी हुआ। जिसकी शुरुआत डा. अनिल गुप्ता, डा. अजय गुप्ता, पं. बलराम मिश्र और सरिता अग्रवाल ने की।

कार्यक्रम में डा. अजय गुप्ता, राजनारायण वर्मा, अमिता शुक्ला, कान्ति गुप्ता, नीलम वर्मा, अवनीश शुक्ला, अंजलि शुक्ला, भजन गायक गौरव गुप्ता, अंजलि गुप्ता, वैष्णवी, मधु श्रीवास्तव, अरुण कुमार श्रीवास्तव, अंशुमान मौर्य, होमेन्द्र मिश्र, माधुरी, डा. एसके गोपाल आदि मौजूद रहे।