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रेलवे फिटर ग्रेड एक और दो आरोपियों को पाँच वर्ष की सजा व 95 हजार का जुर्माना

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे विधि संवाददाता)। अदालत ने रेलवे फिटर ग्रेड-एक एवं एक निजी व्यक्ति सहित दो आरोपियों को पाँच वर्ष की कारावास के साथ 95 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।

पीआईबी द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार लखनऊ में सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश ने रेलवे को गलत तरीके से हानि पहुंचाने से संबन्धित सीबीआई मामले में सीनियर डिविजनल मैकेनिकल इंजीनियर (सी & डब्ल्यू), एनईआर, डीआरएम कार्यालय, वाराणसी के कार्यालय में तत्कालीन फिटर ग्रेड-एक पी.के. दत्ता एवं निजी कंपनी के एक प्रतिनिधि विनय कुमार सिंह को पाँच वर्ष की कारावास के साथ 95,000 रुपए का जुर्माना लगाया।

सीबीआई ने पी.के. दत्ता सहित आरोपियों के विरुद्ध 29 अगस्त 2008 को मामला दर्ज किया था। जिसमे आरोप था कि वर्ष 2004-06 के दौरान पी.के. दत्ता, तत्कालीन सीनियर डिवीजनल मैकेनिकल इंजीनियर (सी & डब्ल्यू), एनईआर, डीआरएम कार्यालय, वाराणसी के कार्यालय में फिटर ग्रेड -एक एवं अन्य आरोपियों ने वाहन मरम्मत के फर्जी व जाली बिल तैयार किए और पारित किए। यह भी आरोप लगाया गया कि बिल वाराणसी स्थित निजी कंपनियों के नाम पर जमा किए गए थे।

जांच के पश्चात इस मामले में पी.के. दत्ता एवं एक निजी फर्म के प्रतिनिधि विनय कुमार सिंह सहित आरोपियों के विरुद्ध फर्जी एवं जाली बिलों के आधार पर गलत तरीके से रेलवे को लगभग 13,65,249 रुपए की हानि पहुंचाने पर 28 अप्रैल 2009 को आरोप पत्र दायर किया गया था।
जाँच के उपरान्त विचारण अदालत ने आरोपियों को कसूरवार पाया एवं उन्हें विभिन्न प्रक्रियाओं के तहत सजा सुनाई।