Tuesday , September 17 2024

IIT KANPUR : भारत की तीन नई आपराधिक संहिताओं पर आयोजित किया जागरूकता अभियान

कानपुर (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (IITK) ने भारत के तीन नए आपराधिक कोडों के बारे में जागरूकता अभियान की मेजबानी की। यह अभियान भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के निर्देशन में संस्थान के लीगल सेल (कानूनी प्रकोष्ठ) द्वारा आयोजित किया गया था।

इस अभियान का उद्देश्य परिसर समुदाय को नए आपराधिक कानूनों के बारे में जानकारी देना था। इसका नेतृत्व आईआईटीके के डिप्टी रजिस्ट्रार (लीगल) प्रकल्प शर्मा ने किया। इसका उद्घाटन आईआईटी कानपुर के डिप्टी डायरेक्टर प्रोफेसर ब्रज भूषण और आईआईटी कानपुर के रजिस्ट्रार विश्व रंजन ने किया।

नए कानून, भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय दंड संहिता, 1860 की जगह लेंगे, जबकि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की जगह लेंगे और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की जगह लेंगे। ये नए कानून आधुनिक भारत के लिए अधिक प्रासंगिक होने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। जिसमें साइबर अपराध, सामाजिक न्याय और आधुनिक साक्ष्य प्रक्रियाओं जैसे पहलुओं को शामिल किया गया है। इनका उद्देश्य कानूनी भाषा को सरल बनाना, प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना और कानूनी ढांचे को उपनिवेशवाद से मुक्त करते हुए पीड़ितों के अधिकारों को मजबूत करना है। ये बदलाव 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी होंगे।

बतौर अतिथि वक्ता मौजूद चंदन कुमार सिंह (वरिष्ठ लोक अभियोजक, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) ने कहा, “नए कानून महत्वपूर्ण कानूनी सुधारों की शुरुआत करेंगे और भारत में एक नई सामाजिक व्यवस्था स्थापित करेंगे। मुझे विश्वास है कि यह अभियान इन नई आपराधिक संहिताओं के विवरण के बारे में जागरूकता बढ़ाने में सफल होगा।”

इन नए कानूनों के लागू होने में बस एक महीना बाकी है, ऐसे समय में आईआईटी कानपुर के जागरूकता अभियान ने परिसर समुदाय को इस महत्वपूर्ण कानूनी विकास को समझने और इसके अनुकूल होने के लिए आवश्यक ज्ञान प्रदान किया है।