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पुस्तक के रूप में संकलित किया जाएगा समागम के समुद्र मंथन से निकला अमृत

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजकीय महिला महाविद्यालय अलीगंज में ज्ञान परम्परा पर आधारित तीन दिवसीय अंतर राष्ट्रीय संगोष्ठी का सोमवार को औपचारिक समापन हो गया। इस संगोष्ठी में देश विदेश के अनेक विद्वानों ने अपने ज्ञान और अनुभव से प्रतिभागियों को अभिसिंचित किया। लगभग सभी विद्वानों का एक मत था कि हमारी ज्ञान परम्परा अत्यंत गौरवशाली रही है। प्राचीन भारत से लेकर आज तक भारत विज्ञान, साहित्य, आध्यतम, कला, संस्कृति, चिकित्सा, गणित, ज्योतिष सहित सभी क्षेत्रों में न केवल अग्रणी रहा बल्कि सारी दुनिया को ज्ञान देकर विश्व गुरु के पद को भी सुशोभित किया है।

समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि मौजूद पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री डा. अम्मार रिज़वी ने कहाकि भारत के पास ज्ञान का ख़ज़ाना है। भारत में सर्वधर्म संभाव हमेशा से रहा है। भारत में अनेक सभ्यताओं ने जन्म लिया तथा उन्हें फलने फूलने का मौक़ा मिला। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम का उद्द्घोष भारत से निकला।

कार्यक्रम में बतौर अध्यक्ष मौजूद राज्यमंत्री दानिश अंसारी ने भारतीय ज्ञान परम्परा की विशेषताओं पर गहराई से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही संस्कारों की जननी होती है। भारत सबसे युवा देश है और अभी हमें बहुत आगे जाना है। उन्होंने छात्राओं का आह्वान किया कि वो राष्ट्र निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाएँ।

इस सत्र में इग्नू की क्षेत्रीय निदेशक डा. मनोरमा सिंह, उच्च शिक्षा सहायक निदेशक डा. बीएल शर्मा, विद्या भूषण ने बतौर विशिष्ट अतिथि अपनी सहभागिता की। प्राचार्य प्रोफेसर अनुराधा तिवारी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहाकि इस समागम के समुद्र मंथन से जो अमृत निकला है उसे एक पुस्तक के रूप में संकलित किया जाएगा। हमारा गौरवशाली अतीत ही हमारी थाती है।

तीन दिनों की आख्या आयोजन सचिव डा. पूनम वर्मा ने और धन्यवाद ज्ञापन संयोजक डा. राजीव यादव ने  किया। डा. रश्मि अग्रवाल ने विजयी प्रतिभागियों के नाम की घोषणा की तथा अन्य जानकरियाँ साझा की।कार्यक्रम का प्रभावी और सफल संचालन प्रो. संजय बरनवाल ने किया।