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कठिन परिश्रम और दृढ़ इच्छाशक्ति से मिलेगी सफलता

स्टोरीमैन जीतेश ने सुनाई दादी-नानी की कहानी

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा आयोजित दादी-नानी की कहानी जीतेश की ज़ुबानी कार्यक्रम के तहत स्टोरीमैन जीतेश श्रीवास्तव ने बच्चों को शबरी की कथा के साथ ही नृत्यांगना सुधा चंद्रन की वास्तविक जीवन गाथा सुनाकर बच्चों को लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने की सीख दी। मंगलवार को गोमतीनगर के विवेक खण्ड स्थित संगीत भवन में विभिन्न आयु वर्ग के संगीत विद्यार्थी कहानी सुनने एकत्र हुए।

कार्यक्रम का शुभारंभ बच्चों से परिचय और झिझक तोड़ने के क्रम में बातचीत और टंग ट्विस्टर आदि खेल से हुई। इसके बाद स्टोरीमैन ने शबरी की कहानी सुनाई जिसमें गुरु आज्ञा से शबरी द्वारा कई वर्षों तक राम की प्रतीक्षा, राम के वनागमन, शबरी द्वारा उन्हें बेर खिलाने जैसे प्रसंग सम्मिलित थे। इसके साथ ही बच्चों को सुप्रसिद्ध नृत्यांगना एवं फ़िल्म अभिनेत्री सुधा चन्द्रन की वास्तविक कहानी भी सुनाई गई। एक दुर्घटना के दौरान अपना एक पैर खोने वाली सुधा चन्द्रन ने अपने दृढ़ संकल्प और विश्वास को नहीं खोया। एक पैर खराब होने के बावजूद भी वह आज एक सर्वश्रेष्ठ नृत्यांगना के तौर पर दुनिया भर में अपनी प्रतिभा और कला कौशल से लोगों का दिल जीता है। इससे यह सीख मिलती है कि जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति और कठिन परिश्रम की आवश्यकता पड़ती है। बच्चों ने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने, अपनी स्थिति में ख़ुश रहने, अपने लक्ष्य को डायरी में लिख कर याद रखने तथा उसके लिए निरन्तर प्रयास करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी, भवतारिणी सुन्दरम अय्यर, निवेदिता भट्टाचार्य और सौम्या गोयल आदि उपस्थित रहे।