योगी की योजना बढ़ा रही पारंपरिक ठाठ का रुतबा
– हेरिटेज विलेज थीम्ड होम स्टे योजना के जरिए अवध की प्रसिद्ध मेहमाननवाजी, रहन-सहन व खानपान से रूबरू होने का मिलेगा मौका
– लकड़ी की आंच पर पकी रोटी, बैलगाड़ी की सवारी समेत ग्रामीण परिवेश और सुविधा संपन्न रिहायशी अवस्थापना का मिला-जुला ताना बाना है यह योजना
– योगी सरकार का विजन अयोध्या को अध्यात्म के साथ पर्यटन के बड़े केंद्र के रूप में वैश्विक मानचित्र पर दे रहा नई पहचान
– शहरों की भीड़भाड़ से दूर पक्षी विहार के समीप यह योजना प्राकृतिक नजारों की छांव में सुकून खोजने वालों के लिए बनेगा फेवरेट डेस्टिनेशन
अयोध्या (शम्भू शरण वर्मा/टेलीस्कोप टुडे)। त्रेतायुग की अयोध्या कैसी थी, हमने नहीं देखी पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कलियुग में अयोध्या को अलग ही पहचान दिलाने का मार्ग प्रशस्त किया है। 500 वर्षों के उपरांत 22 जनवरी को श्रीराम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे तो यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि होगी। इसे देखते हुए योगी सरकार के विजन के अनुरूप अयोध्या को अध्यात्म के साथ पर्यटन के बड़े केंद्र के तौर पर भी वैश्विक मानचित्र पर नई पहचान मिल रही है। सीएम योगी ने जहां अयोध्या को सुंदरतम नगरी बनाने की परिकल्पना को हकीकत की शक्ल देना शुरू कर दिया है। वहीं, इस नगरी को निहारने दुनियाभर से आने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं की हर सुख-सुविधा को ध्यान में रखकर संसाधनों के सतत विकास की प्रक्रिया जारी है। योगी सरकार की हेरिटेज विलेज थीम्ड होम स्टे योजना के जरिए देश-दुनिया के मेहमान ग्रामीण परिवेश में अवधी ठाठ से रूबरू होंगे तो वहीं यहां की प्रसिद्ध मेहमाननवाजी, रहन-सहन व खानपान का भी लुत्फ उठाने का उन्हें अवसर मिलेगा। यह योजना लकड़ी, कोयले की धीमी आंच पर सेंकी गई रोटी, बैलगाड़ी की सवारी समेत ग्रामीण परिवेश और सुविधा संपन्न रिहायशी अवस्थापना का मिला-जुला ताना बाना है, जो वर्तमान सुख-सुविधायुक्त जीवनशैली के संसाधनों के साथ ही सुकूनमय पारंपरिक जीवनशैली की अनुभूति का मार्ग भी प्रशस्त करती है।
लकड़ी व कोयले की धीमी आंच पर सेंकी हुई रोटी का मिलेगा जायका
अमूमन शहरी क्षेत्रों में रहने वाले बच्चे अपनी विरासत का दीदार नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन ग्रामीण परिवेश से रूबरू होने का आकर्षण उनमें रहता है। इसी बात को ध्यान में रखकर योगी सरकार द्वारा हेरिटेज विलेज थीम्ड होम स्टे योजना की परिकल्पना की गई है। यह योजना काफी कारगर हो रही है क्योंकि यहां लकड़ी व कोयले की धीमी आंच पर सेंकी गई रोटी मिलती है जो आधुनिक परिवेश में पले-बढ़े बच्चों के लिए किसी अचंभे से कम नहीं है। यह रोटी जहां उन्हें पौष्टिकता प्रदान करेगी, वहीं बैलगाड़ी की सवारी उनके कौतूहल को शांत करते हुए अतीत से वर्तमान का दीदार भी कराएगी। यहां ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देते हुए स्थानीय भोजन के साथ प्राकृतिक वातावरण को संरक्षित किया गया है। यहां मिट्टी के घरों के साथ गांव की संस्कृति से वर्तमान पीढ़ी को अवगत होने का मौका मिलेगा। वहीं खाने में यहां मॉडर्न इन डिमांड रेसिपीज के साथ स्थानीय जायकों का स्वाद भी परोसा जाएगा।
दौलतपुर की ‘दौलत’ बनेगी अयोध्या को नई पहचान दिलाने का माध्यम
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की इस योजना को अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित किया जा रहा है। अयोध्या से 12-15 किमी. दूर सोहावल तहसील के कोला मोइया कपूरपुर के पास रायबरेली रोड स्थित दौलतपुर में समदा पक्षी विहार के पास इसे काफी तेजी से विकसित किया जा रहा है। यहां मिट्टी के घरों में गांव की संस्कृति से रूबरू कराया जाएगा। ग्रामीण परिवेश के बीच मिट्टी की सोंधी खुशबू रूपी दौलत अयोध्या आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेगी। पर्यटकों के हिसाब से यहां के घरों का पुनरुद्धार कराया जा रहा है। यहां फिलहाल अभिनव श्रीवास्तव की प्रॉपर्टी को मड हाउस को प्रमोट कर प्राकृतिक चीजों को डिस्प्ले कर दिया है। यहां आम के पेड़ों की छांव के बीच भोजन का भी आनंद अलग ही अनुभूति करा रहा है। यहां का एक दिन का किराया 9500 रुपये है। इसमें दो रूम, लॉन, खेलकूद के साथ ही बच्चों के लिए ट्यूबवेल में नहाने की भी व्यवस्था होगी।
18 अन्य संपत्तियों को एडीए ने किया चिह्नित
अयोध्या विकास प्राधिकरण के सलाहकार राकेश सिंह ने बताया कि दौलतपुर में एक प्रॉपर्टी पर यह सुविधाएं शुरू हो गई हैं। अयोध्या आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है। राम मंदिर, हनुमानगढ़ी समेत कई मंदिरों के दर्शन के साथ ही देश-दुनिया के आगंतुक अपने बच्चों को ग्रामीण परिवेश से अवगत कराने के लिए भी यहां लाना चाहते हैं। ऐसे में, इस सुविधा में विस्तार के लिए 18 अन्य प्रॉपर्टी को भी चिह्नित किया गया है, जहां ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने वाले क्रियाकलापों को विकसित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हर प्रकार का सहयोग प्रदान किया जा रहा है।