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पूर्व जिला जज के आवास को मजहबी तरीके से हड़पने की हो रही थी साजिश, सीएम ने मांगी रिपोर्ट

– जानकीपुरम विस्तार का मामला, स्थानीय समितियों की सतर्कता से हुआ खुलासा 

– क्षेत्रीय नागरिकों ने मानसिक मंदित पुत्र को इलाज के लिये नशामुक्ति केन्द्र भेजा

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जानकीपुरम विस्तार सेक्टर-6 स्थित दिवंगत जिला जज के मकान को मजहबी तरीके से हड़पने के मामले में हस्तक्षेप करते हुये जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त से दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर रिपोर्ट मांगी है। हालांकि इस मामले में क्षेत्रीय नागरिकों और समितियों द्वारा जानकीपुरम थाने की पुलिस के संज्ञान में लेकर न सिर्फ मानसिक मंदित पुत्र को इलाज के लिये नशामुक्ति केन्द्र भिजवा दिया, बल्कि बीते कुछ माह से गायब चल रही पुत्री को विक्षिप्त अवस्था में पाये जाने के बाद पहले से ही एक अन्य संस्था द्वारा उसे भी महिला संरक्षण गृह में भेजे जाने की जानकारी सामने आयी है। इसके साथ ही भवन पर मजहबी निशानों को अंकित कर कब्जा करने का प्रयास करने वालों के मंसूबों पर क्षेत्रीय नागरिकों ने पानी फेर दिया है और दिवंगत जिला जज रत्नाकर दीक्षित व उनके बच्चों के नाम से बैनर भी लगवाया।

क्षेत्र में भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने और मानसिक मंदित पुत्र के इलाज के लिये रविवार को क्षेत्र की विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने जिला जज के आवास के बाहर बैठक की। मालूम हो कि बीते दिनों सेक्टर-छह स्थित जिला जज के आवास पर संदिग्ध गतिविधियों मजहबी निशानों को देखने के बाद क्षेत्रीय नागरिकों व लक्ष्य जनकल्याण समिति द्वारा जिला जज रहे स्वर्गीय रत्नाकर दीक्षित के पुत्र प्रणव दीक्षित को नशे का आदी बनाकर मकान हड़पने के प्रयास और गायब छोटी पुत्री की तलाश को लेकर जानकीपुरम थाने में शिकायत दर्ज करवायी गयी थी। जिसकी सूचना मुख्यमंत्री, डीजीपी, कमिश्नर, डीएम, पुलिस कमिश्नर और एएसपी अलीगंज को भी सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही के लिये दी गयी थी। जिसपर मुख्यमंत्री कार्यालय ने तत्काल संज्ञान में लेते हुये इस मामले में गहनता से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ विधि सम्मत कार्यवाही किये जाने की रिपोर्ट जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त लखनऊ से मांगी है।

फिलहाल इस प्रकरण में बीते दिनों जानकीपुरम थाने में दिये गये शिकायती पत्र में बताया गया था कि जज के मानसिक मन्दित पुत्र को गुमराह कर फर्जी तरीके से ऐसा किरायानामा किसी जियाउल खान द्वारा कराया गया था जिसके माध्यम से मकान पर कब्जा होना तय था और मानसिक मन्दित जज पुत्र की जान माल पर भी खतरा प्रतीत हो रहा था। जिसकी पुलिस ने जांच भी शुरू कर दी थी परंतु अगले ही दिन क्षेत्रीय नागरिकों को सूचना प्राप्त हुई की कुछ लोग सामान लेकर मकान में घुसने की तैयारी कर रहे हैं। यह जानकारी जैसे ही क्षेत्रीय जनता में पहुंची उनकी जागरूकता से कई सामाजिक संगठन जिसमें स्थानीय समिति लक्ष्य जनकल्याण समिति सेक्टर 6, भारतीय ब्राह्मण एकता फाऊंडेशन, संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल, नवोदय आवासीय कल्याण समिति सेक्टर-8, लखनऊ जनविकास महासभा मंगल फाउंडेशन के पदाधिकारी एवं सदस्य गण मौके पर पहुंच गए। उन्होंने मकान पर सामान लेकर घुसने के लिए प्रयासरत वर्ग विशेष के लोगों को वहीं रोक दिया। वहीं जज के मानसिक मन्दित पुत्र को क्षेत्रीय निवासियों के सहयोग से लक्ष्य जनकल्याण समिति द्वारा इलाज हेतु नशा मुक्ति एवं मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल कर दिया गया है। लापता बेटी के बारे में भी जानकारी प्राप्त की गई तो पता चला की कुछ दिन पूर्व किसी संस्था द्वारा उसका रेस्क्यू कर किसी महिला संरक्षण केंद्र में भेजा जा चुका है, जिसकी जांच की जा रही है। इस घटना से आक्रोशित क्षेत्रीय जनता ने पुलिस प्रशासन और सरकार से मांग की है कि यह अत्यंत गंभीर घटना प्रतीत होती है। अतः इसकी गंभीर जांच कराई जाए और जिस प्रकार से मजहबी निशान का इस्तेमाल कर इस मकान पर षड्यंत्र करके कब्जे की साजिश हो रही थी उसका पता लगाया जाए कि इसमें कौन-कौन लोग शामिल थे। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही किये जाने की भी मांग की है, जिससे इस तरह के मामलों की पुनरावृत्ति न हो।