श्री खाटू श्याम मंदिर में दशावतार नृत्य नाटिका का मंचन
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। बीरबल साहनी मार्ग स्थित श्री खाटू श्याम मंदिर में एक दिवसीय श्री विष्णु भगवान के दशावतार पर आधारित नृत्य नाटिका का मंचन कोलकाता के संजय शर्मा व ग्रुप द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक अवध प्रांत प्रचारक कौशल भाई साहब, उत्तर विधानसभा विधायक डॉ. नीरज बोरा, समाजसेविका बिन्दु बोरा, उपाध्यक्ष भारत भूषण गुप्ता, अध्यक्ष संजीव अग्रवाल, महामंत्री रुपेश अग्रवाल, अनुराग साहू द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।
कलकत्ता के कलाकार संजय शर्मा ने श्री विष्णु के दशावतार की नृत्य नाटिका का मंचन में दिखाया कि सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु ने लोगों के संकट हरने के लिए 24 अवतार लिए हैं। लेकिन उनके 10 अवतार बहुत प्रमुख है जो हिंदू धर्म में दशावतार के नाम से जाने जाते हैं। गरुड़ पुराण में दशावतार का वर्णन है, ये दशावतार हैं मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि अवतार का नृत्य नाटिका मंचन किया।
संजय शर्मा ने भजनों में नाम है तेरा तारणहारा…, दुनिया के पालन हार है श्री विष्णु…, हरी नाम नही तो जीना…, जब छोड़ चलू इस दुनिया को…, चली जा रही उमर धीरे धीरे…, बोल हरि बोल हरि भजनों का गुलदस्ता पेश किया।
नृत्य नाटिका माध्यम से बताया कि प्रथम अवतार में भगवान विष्णु ने सृष्टि को प्रलय से बचाने के लिए मत्स्यावतार लिया था मत्स्यपुराण कहलाता है। समुद्र मंथन के समय भगवान विष्णु ने कछुए का अवतार लेकर मंदराचल पर्वत को अपनी पीठ पर धारण किया था जोकि कच्छप या कूर्म अवतार कहा जाता है। दैत्य हिरण्याक्ष समुद्र के अंदर छिपा दिया था विष्णु ने सूअर का अवतार लेकर भगवान विष्णु ने दैत्य हिरण्याक्ष का वध कर दिया और पृथ्वी को पुन: जल पर स्थापित कर दिया।
नृसिंह अवतार भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए नृसिंह अवतार लिया था। वामन अवतार सत्ययुग में प्रह्लाद के पौत्र दैत्यराज बलि से देवताओं की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने बौने ब्राह्मण का अवतार लिया था। इसमें उन्होंने बलि से तीन पग धरती दान में मांगी थी। एक पग में धरती और दूसरे में स्वर्ग नाप दिया। तब बलि ने तीसरा पग उसके सिर पर रखने को कहा. इस पर भगवान विष्णु ने तीसरा पग उसके सिर पर रखा, जिससे वह सुतललोक चला गया, वामन अवतार भगवान विष्णु ने बली को यह पाठ दिया था कि अहंकार से जीवन में कुछ नहीं मिलता है
परशुराम अवतार एक पौराणिक कथा के अनुसार, ऋषि आपव के राजा सहस्त्रबाहु को दिए श्राप की वजह से भगवान विष्णु ने भार्गव कुल में महर्षि जमदग्रि के पांचवें पुत्र परशुराम के रूप में जन्म लिया था। राम अवतार त्रेतायुग में लंका के राजा रावण के वध के लिए भगवान विष्णु अयोध्या में राजा दशरथ के घर राम के रूप में जन्में, सीता हरण के बाद लंका के युद्ध में वानर सेना की मदद से राम ने रावण का वध किया। मर्यादित जीवन और आचरण से राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए।
कृष्ण अवतार द्वापरयुग में भगवान विष्णु ने कृष्ण के रूप में कारागार में जन्म लिया। माता देवकी और पिता वासुदेव उनके माता-पिता थे। कंस वध, बाल लीलाएं, महाभारत में अर्जुन के सारथी और कुरूक्षेत्र में गीता का उपदेश, इन घटनाओं के लिए कृष्ण अवतार यादगार है।बुद्ध अवतार भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का 9वां अवतार माना जाता है। उन्होंने विश्व में शांति स्थापना के लिए यह अवतार लिया था। कल्कि अवतार हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान विष्णु कलयुग के अंत में कल्कि अवतार लेंगे और वह 64 कलाओं में निपुण होंगे. वह घोड़े पर सवार होकर पापियों का नाश करेंगे और धर्म की दोबारा स्थापना करेंगे। इसके बाद सतयुग शुरू होगा।
इस अवसर पर वीरेन्द्र अग्रवाल, अतुल अग्रवाल, बिहारी लाल साहू, भारत भूषण गुप्ता, धनश्याम दास अग्रवाल, आदित्य अग्रवाल, शिव सिंघानिया, ओमकार जयसवाल, श्याम जी साहू, गोविन्द साहू, दिनेश अग्रवाल, राकेश साहू, दीपक महरोत्रा, माया आनंद, उपस्थित रहे।