कर्ज़ के बदले विवाह की साज़िश नाकाम
दादी–नानी की कहानी में सूझबूझ से मिला न्याय
स्टोरीमैन जीतेश ने सुनाई प्रेरक कथा
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। खेल-खेल में शिक्षा का संदेश देने वाली दादी नानी की कहानी श्रृंखला के अंतर्गत मंगलवार को बच्चों को सूझबूझ और साहस से भरपूर कथा सुनाई गई। यह आयोजन अलीगंज के बेलीगारद स्थित अनौपचारिक शिक्षा केन्द्र फाइण्डिंग एम नि:शुल्क पाठशाला में लोक संस्कृति शोध संस्थान की मासिक श्रृंखला के 76वें कार्यक्रम के रूप में सम्पन्न हुआ। कथा का रोचक और प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण प्रसिद्ध स्टोरीमैन जीतेश श्रीवास्तव ने किया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ बच्चों के लिए आयोजित मनोरंजक खेलों से हुआ। इसके बाद जीतेश श्रीवास्तव ने गाँव की पृष्ठभूमि पर आधारित कहानी प्रस्तुत की। जिसमें कर्ज़ में डूबे किसान की बेटी खुशी अपनी सूझबूझ से जमींदार की साज़िश को नाकाम कर देती है। जमींदार ने कर्ज़ माफ़ करने के बदले विवाह का प्रस्ताव रखा। जिसे पंचायत में किस्मत के आधार पर तय करने की बात कही गई।

धोखे से थैले में दो काले पत्थर रखे गए किंतु खुशी ने चतुराई से निर्णय को अपने पक्ष में मोड़ दिया। पंचायत ने उसके विवेकपूर्ण समाधान को स्वीकार किया, जिससे किसान का कर्ज़ माफ़ हुआ और बेटी को जबरन विवाह से मुक्ति मिली। कथा ने बच्चों को साहस, बुद्धिमत्ता और आत्मविश्वास का प्रेरक संदेश दिया।

इस अवसर पर अनौपचारिक शिक्षा केन्द्र के व्यवस्थापक सोमेन्द्र सिंह बिष्ट, सचिन तिवारी, दीपक जैन एवं राम वर्मा ने कथा प्रस्तोता दल का स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में संस्थान के संरक्षक राज वर्मा, सचिव डॉ. सुधा द्विवेदी, लोक कथा प्रभारी शम्भू शरण वर्मा, लोक चौपाल प्रभारी अर्चना गुप्ता, राजेश जायसवाल, स्तुति सिंघल, प्रियम चंद्रा तथा डॉ. एस.के. गोपाल की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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