नई दिल्ली : राज्यसभा ने बुधवार को ‘सबका बीमा सबकी रक्षा’ (बीमा कानूनों में संशोधन) विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी। लोकसभा ने इस विधेयक को एक दिन पहले ही पारित कर दिया था। इस विधेयक का मुख्य लक्ष्य वर्ष 2047 तक देश के हर नागरिक को बीमा कवर उपलब्ध कराना है।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने राज्यसभा में ‘सबका बीमा सबकी रक्षा’ (बीमा कानूनों में संशोधन) विधेयक, 2025 को पेश किया था। राज्यसभा ने चर्चा के बाद बीमा के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को 100 फीसदी तक बढ़ाने वाला विधयेक पारित कर दिया, जिसका मकसद 2047 तक सभी को इंश्योरेंस देना है। विशेषज्ञों का कहना है कि ये एक बड़ा सुधार है, जिसका मकसद दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक में ज्यादा ग्लोबल कैपिटल लाना है।सीतारमण ने राज्यसभा में सबका बीमा सबकी सुरक्षा (बीमा कानून संशोधन विधेयक, 2025) पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, “2014 में सत्ता संभालने के बाद से हमारी सरकार ने इंश्योरेंस सेक्टर में बड़े सुधार किए हैं, यह मानते हुए कि सच्चे राष्ट्रीय विकास के लिए हमारे लोगों, व्यवसायों और खेती के लिए व्यापक कवरेज जरूरी है।”सरकार द्वारा प्रस्तावित ‘सबका बीमा सबकी रक्षा’ (बीमा कानूनों में संशोधन) विधेयक, 2025 के संशोधनों में बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मौजूदा सीमा 74 फीसदी को बढ़ाकर 100 फीसदी करने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही 100 फीसदी की वृद्धि के साथ कानून के तहत कंपनी के शीर्ष अधिकारी में अध्यक्ष या प्रबंध निदेशक का भरतीय नागरिक होना अनिवार्य है।इस विधेयक में केंद्र सरकार ने गैर-बीमा कंपनी का बीमा कंपनी में विलय होने की अनुमति दी है, इससे इस क्षेत्र में एकीकरण और विस्तार को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा एलआईसी अधिनियम में संशोधन के तहत इसके बोर्ड को शाखा विस्तार और भर्ती जैसे परिचालन संबंधी निर्णय लेने का अधिकार देने का भी प्रस्ताव है।
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