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उत्तराखंड महोत्सव : कवियों के नाम रही सातवीं शाम, जमकर किया कटाक्ष

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। पंडित गोविंद बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में चल रहे उत्तराखंड महोत्सव के सातवें दिन शनिवार को कवि सम्मेलन में आए महान कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। श्रृंगार, वीर रस से ओत प्रोत कविताओं के माध्यम से आज की व्यवस्था, समाज परिदृश्य पर कई सवाल भी खड़े किए।

 वहीं उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध गायक जितेन्द्र तोमकियाल की टीम ने भी जबरदस्त प्रस्तुतियों से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर में डॉ. बीएस नेगी के नेतृत्व में डाक्टरों ने मरीजों का परीक्षण कर दवाएं भी वितरित की। महोत्सव में के0के0 अस्पताल द्वारा भी मेडिकल परीक्षण तथा दवा वितरण का निःशुल्क कैम्प लगाया गया है। 

उत्तराखंड महोत्सव 2025 में, मुख्यालय भर्ती क्षेत्र (उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड) द्वारा सेना का स्टॉल लगाया गया है। युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए प्रोत्साहित करना, उन्हें भर्ती प्रक्रिया के बारे में शिक्षित करना और उन्हें  ‘‘अग्निवीर योजना’’ के बारे में बताने के उद्देश्य से देवभूमि और वीरभूमि के रूप में विख्यात उत्तराखंड की सैन्य विरासत को बढ़ावा देने के लिए यह विशेष स्टॉल लगाया गया है।

 

पूरन सिंह जीना के नेतृत्व में कवि सम्मेलन की अध्यक्षता अनुपम श्रीवास्तव ने की। दिव्या शुक्ला ने ‘‘करती हूँ नमन तुमको, माँ शारदे भवानी’’ की प्रार्थना से कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया। अंकुर पाठक ने ‘‘इस पार से पार आया हूँ’’, सूर्य प्रकाश सूरज ने ‘‘वंशी धुन सुनसुनकर मैं कुछ प्यार सुनाऊँगा’’, कवि गिरीश बहुगुणा ने माँ पर ‘‘प्रतिदिन मां का दिन होता है मेरा हर दिन माँ को अर्पित’’ भावपूर्ण कविताओ से श्रोताओं का मंत्रमुग्ध किया। संजय मिश्र-शौक, मुकुल, अनुपम प्रतापगढ़ी, सोमनाथ कश्यप, सुमन दुबे, पूरन सिंह जीना, मुकेश बहादुर सिंह आदि ने भी अपनी सुन्दर-सुन्दर रचनाओं से व्यंग वाण छोड़े।