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समाजसेवा और शिक्षा क्षेत्र के उत्कृष्ट योगदानकर्ताओं का हुआ सम्मान

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। विकल्प सोसायटी द्वारा एपी सेन हॉल, लखनऊ विश्वविद्यालय में अस्तित्व सम्मान समारोह 2025 आयोजित किया गया।इस कार्यक्रम में शिक्षा, संस्कृति, समाजसेवा और जनकल्याण के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम करने वाले कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में पूज्य गुरुदेव निरंजन पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डॉ कैलाशानन्द गिरि जी महाराज ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और मंच से समाजसेवा के महत्व को रेखांकित किया।

सम्मान समारोह में लखनऊ विश्वविद्यालय की कुलपति मनुका खन्ना, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट वाराणसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्व भूषण मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष शुक्ल, एएमए हर्बल के सह-संस्थापक व सीईओ यावर अली शाह, प्राणवीर सिंह इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कानपुर के ग्रुप डायरेक्टर प्रो. डॉ मनमोहन शुक्ला, और धनवन्तरी सेवा न्यास लखनऊ को सम्मानित किया गया।

यह कार्यक्रम विकल्प सोसायटी द्वारा आयोजित किया गया था। संस्था का मूल मंत्र ‘पर हितार्थं इदं शरीरम्’ है और इसी विचार के साथ इसकी स्थापना वर्ष 2011 में हुई। अध्यक्ष श्री सत्यनारायण अवस्थी और महासचिव श्री शेखर त्रिपाठी समाज के वंचित वर्गों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और सामाजिक चेतना से जुड़े कई प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं। युवाओं के व्यक्तित्व विकास, सांस्कृतिक गतिविधियों, स्वस्थ सामाजिक व्यवहार और ग्रामीण समुदायों के सशक्तिकरण के लिए संस्था लगातार सक्रिय है। रायबरेली में संचालित समृद्धि एग्रो केंद्र के माध्यम से प्राकृतिक खेती और ग्रामीण महिलाओं व किसानों को प्रशिक्षण देने का कार्य भी इसी सोच का विस्तार है।

समारोह के दौरान स्वामी डॉ. कैलाशानन्द गिरि जी महाराज ने कहा, “समाज में जो लोग सेवा और समर्पण की भावना से काम करते हैं, वे ही इस देश की सांस्कृतिक शक्ति को जीवित रखते हैं। ऐसे व्यक्तित्वों का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है।”

इस अवसर पर शेखर त्रिपाठी ने कहा, “हमारा उद्देश्य यह है कि समाज का हर वह व्यक्ति, जिसे सहयोग की जरूरत है, उसे शिक्षा, स्वास्थ्य और अवसरों के जरिये आगे बढ़ने का हौसला मिले। आज का सम्मान समारोह उन लोगों के प्रति हमारी कृतज्ञता है जो समाज में रोशनी फैला रहे हैं।”

कार्यक्रम का एक विशेष आकर्षण सत्यनारायण अवस्थी द्वारा लिखित दो पुस्तकों का विमोचन भी रहा। पहली पुस्तक ‘कश्मीर, जम्मू एवं लद्दाख की ऐतिहासिक सांस्कृतिक झलक’ क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत और इतिहास को सरल भाषा में प्रस्तुत करती है, जबकि दूसरी पुस्तक ‘कृपानुभूति’ मानवीय संवेदनाओं और जीवन मूल्यों पर आधारित है। दोनों पुस्तकों को साहित्य प्रेमियों और उपस्थित अतिथियों ने गर्मजोशी से सराहा।