Monday , September 29 2025

आह्वान

ढोल नगाड़े शंखनाद से
मइया तेरा करूं आह्वान
नौ दिन मेरे संग विराजो
देखूं मैं सूरत मनभावन
प्रथम रूप तेरा शैलपुत्री का
उदित सूर्य सा वर्ण तेरा
मुख सौम्य शांत
और तेजवान
मां प्रथम दिवस
हो विराजमान।
पुत्री हिमालय की
तुम मइया
दिव्य तुम्हारा
तेज है मइया
दाएं कर
त्रिशूल को धारा
दानव दल
तुमने संहारा
बाएं कर में
कमल है साजे
मइया मेरी
वृषभ विराजे
इतनी सी
अरदास है मेरी
नौ दिन का
मोहे दास बना लो
घर को मेरे
स्वर्ग बना दो।

निधि श्रीवास्तव