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मुंशी प्रेमचंद की कृतियों में दिखती है राष्ट्रवाद की झलक 

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। खुन खुन जी कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जयंती का आयोजन किया गया।  अपने उद्बोधन मे प्राचार्या प्रो. अंशु केडिया ने बताया कि हंस पत्रिका में कन्हैया लाल माणिक लाल मुंशी जी के साथ सह संपादक होने के कारण जनवादी लेखक प्रेमचंद के नाम के आगे मुंशी शब्द प्रचिलित हो गया।

प्रो. पूनम रानी भटनागर ने उपस्थित छात्राओं को प्रेमचंद के विभिन्न उपन्यासों गोदान, गबन इत्यादि एवं कहानियों के बारे में जानकारी देते हुए उन्हे यथार्थ वादी मार्मिक साहित्यकार बताया। साथ ही प्रेमचंद के उपन्यास को महाविद्यालय को उपहार स्वरूप भेंट किया। 

डॉ. सत्यम तिवारी ने बताया कि प्रेमचंद की कृतियों में हमें राष्ट्रवाद की भी स्पष्ट झलक दिखाई देती है। प्रेमचंद के उपन्यासों और कहानियों के विषय और उनकी भाषा इतनी हृदय स्पर्शी है कि बचपन में पढ़ी गई कृतियों को भी हम आज तक याद रखते हैं।

डॉ. अंजू यादव ने सभी का आभार व्यक्त किया एवम डॉ. सुनीता यादव ने गोष्ठी का संचालन किया I कार्यक्रम में छात्राओं द्वारा भी प्रेमचंद के विषय में अपने विचार साझा किये गए।