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ALLEN : भारतीय शिक्षा में नया आयाम साबित होगा एआई-बोट एली

  • एलन के एआई बोट ‘एली’ ने 98.84 पर्सेंट एक्यूरेसी के साथ नीट-यूजी में हासिल किये 678 मार्क्स
  • 98.84 परसेंट एक्यूरेसी के साथ हल किया नीट-2025 का पेपर

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। जैसे-जैसे तकनीक का विस्तार हो रहा है, वैसे-वैसे शिक्षा का तरीका भी बदल रहा है। भारत की सबसे कठिन मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट की तैयारी में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से खास बदलाव आ रहा है। अब स्टूडेंट्स किताबों व कोचिंग के साथ एआई की मदद से बेहतरीन तैयारी कर सकते हैं।

इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए देश में एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड की डिजिटल विंग एलन ऑनलाइन ने एक एआई बोट ‘एली’ को विकसित किया है। इसके माध्यम से नीट-यूजी 2025 के पेपर को सॉल्व करवाया गया तो इसने 720 में से 678 मार्क्स हासिल किए, जिसकी एक्यूरेसी 98.84 परसेंट रही। इस उपलब्धि की सबसे खास बात यह है कि एली ने 720 में से 678 अंक बिना किसी इंसानी मदद के पूरी तरह से अपनी क्षमता पर हासिल किए हैं।


सवाल हल करने का बेहतर तरीका


‘एली’ सिर्फ सवाल नहीं पढ़ता, बल्कि उसका कंसेप्ट और उद्देश्य भी समझता है, चाहे वह बॉयोलॉजी का चित्र हो, फिजिक्स की जटिल समस्या हो या कैमेस्ट्री की कोई इक्वेशन। यह एक स्मार्ट सिस्टम का उपयोग करते हुए सवाल को हल करने का सर्वोत्तम तरीका चुनता है, जिससे जवाब तेज व सटीक होते हैं। नीट जैसी परीक्षा की तैयारी के दौरान स्टूडेंट्स काफी दबाव में  होते हैं, ऐसे में यह एआई बोट स्टूडेंट्स की पेपर की तैयारी करने में काफी मदद कर सकता है।


बिना सोचे-समझे जवाब नहीं


जहां ज्यादातर एआई सिर्फ एक ही तरह के मॉडल पर काम करते हैं, वहीं दूसरी ओर एली एक स्मार्ट सिस्टम पर संचालित होता है। यह हर क्वेश्चन को देखकर तय करता है कि उसे कौन-सा तरीका या मॉडल लगाकर सबसे सही और तेज आंसर दिया जा सकता है। अगर क्वेश्चन में कोई डायग्राम है, तो एली का विजन इंजन उसे पढ़कर सही से समझता है। यदि क्वेश्चन बहुत मुश्किल या लम्बा है, तो एली उसे स्टेप-बाय-स्टेप हल करता है, ताकि स्टूडेंट्स को क्वेश्चन  को हल करने का पूरा प्रोसेस समझ आ सके।

एक और खास बात ये है कि एली बिना सोचे-समझे कोई जवाब नहीं देता। अगर उसे लगता है कि किसी सवाल का सही जवाब नहीं बन पा रहा, तो वह उसे रोक देता है और शिक्षक या स्पेशलिस्ट से चेक करवाता है। बिलकुल जैसे कोई समझदार स्टूडेंट अपने टीचर से मुश्किल सवाल पूछता है।


अन्य एआई टूल्स से बेहतर

आभा माहेश्वरी (सीईओ, एलन ऑनलाइन) ने कहा, “एली सिर्फ सवालों के जवाब नहीं देता बल्कि स्टूडेंट्स का आत्मविश्वास भी बढ़ाता है। उनके कॉन्सेप्ट्स क्लीयर करता है और सीखने की इच्छा को मजबूत करता है। इसकी 98.84 परसेंट एक्यूरेसी भारत और दुनिया के दूसरे एआई टूल्स से भी बेहतर है, जिनकी सटीकता आमतौर पर सिर्फ 87 से 94 परसेंट तक होती है। यह सिर्फ अच्छा रिजल्ट नहीं है, बल्कि यह स्टूडेंट्स के भरोसे की एक मजबूत नींव भी है।”

इस तकनीक की मदद से एली ने पिछले 12 महीनों में छात्रों के सवालों का जवाब देने का समय 113 घंटे से घटाकर सिर्फ 5 घंटे कर दिया है। इस दौरान एली ने 5 लाख से ज्यादा छात्रों के सवालों के जवाब दिए हैं।

हमारे लिए गर्व की बात

नितिन कुकरेजा (सीईओ, एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड) ने कहा “एलन का यही मानना है कि पढ़ाई के साथ-साथ टेक्नोलॉजी भी बहुत जरुरी है। एली सिर्फ एक एआई नहीं है, बल्कि इसे अलग तरह से विकसित किया गया है, जिस पर छात्र भरोसा कर सके। आज जब हर जगह बहुत सी जानकारी और एआई टूल्स  मौजूद हैं, तब एली की एक्यूरेसी, ज़िम्मेदारी और छात्रों की जरूरतों के अनुसार काम करना इसे और भी खास बनाता है। नीट-2025 में मिला ये शानदार रिजल्ट हमारे लिए गर्व की बात है। हम लगातार एली को और बेहतर, ज्यादा समझदार और भरोसेमंद बनाने की कोशिश करते रहेंगे, ताकि हर छात्र को पढ़ाई में अच्छा और पूरा सहयोग मिल सके।”