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यूपी स्टूडेंट्स का एलन कोटा विक्ट्री कार्निवल में सम्मान

एलन विक्ट्री सेलिब्रेशन में यूपी के 600 से अधिक स्टूडेंट्स हुए शामिल

कोटा (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। कॅरियर सिटी कोटा में सक्सेस का सबसे बड़ा सेलीब्रेशन एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड का विक्ट्री कार्निवल दशहरा मैदान में मनाया गया। यहां जेईई व नीट में सफल हुए स्टूडेंट्स का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में पांच हजार से अधिक भावी डॉक्टर व इंजीनियर्स व उनके परिजन पहुंचे। कार्निवल थीम पर हुए इस आयोजन में 600 से अधिक उत्तरप्रदेश के स्टूडेंट्स भी पहुंचे। इनमें यूपी के अधिकांश जिलों से कोटा रहकर पढ़ाई करते हुए सफलता प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स शामिल थे।
कार्यक्रम में एलन के निदेशक डॉ. गोविन्द माहेश्वरी, राजेश माहेश्वरी, डॉ. नवीन माहेश्वरी व डॉ. बृजेश माहेश्वरी ने विद्यार्थियों को मैडल पहनाए। इस अवसर पर एजीएस एवं एचओडी भी मौजूद रहे।
यूपी के मुरादाबाद निवासी मोहम्मद सऊद, रामपुर के मोहम्मद आरिफ व सईद अली, हाथरस के मोहम्मद चांद, ने बताया कि कोटा जैसी पढ़ाई पूरे देश में कहीं नहीं होती। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट में पढ़ना और पढ़ाना एक मिशन है। यहां स्टूडेंट्स को सिखाया जाता है कि नीट व जेईई एग्जाम की तैयारी के लिए पढ़ाई कैसे करनी है। यहां नेशनल लेवल का कम्पीटिशन मिलता है, जिससे स्वयं का आकलन अच्छे से हो सकता है, ये किसी और शहर में मुमकिन नहीं है। इसके अलावा यहां हर तरफ पढ़ाई का माहौल है और पूरा सपोर्ट मिलता है।

संस्कार से सफलता तक की सीख


एलन के निदेशक डॉ. गोविन्द माहेश्वरी ने कहा कि कोटा में जो संस्कार मिले हैं, उन्हें जीवन भर साथ रखें। अच्छे डॉक्टर और इंजीनियर बनने के साथ-साथ अच्छा इंसान बने रहना जरूरी है। समाज और देश सेवा का भाव रखें।
निदेशक राजेश माहेश्वरी ने कहा कि हर विद्यार्थी अपने संकल्प से स्वयं की पहचान कायम करें। आपके नाम से आपके परिजनों को जाना जाए, परिवार और शहर को जाना जाए। कोटा में हर व्यक्ति विद्यार्थियों की सफलता के लिए प्रतिबद्ध रहता है।
निदेशक डॉ. नवीन माहेश्वरी ने कहा कि कोटा जैसा पढ़ाई का इको सिस्टम कहीं नहीं मिल सकता, क्योंकि यहां पूरे देश से स्टूडेंट्स आते हैं और नेशनल लेवल का कम्पीटिटिव एनवायरमेंट तैयार होता है।
निदेशक डॉ. बृजेश माहेश्वरी ने कहा कि एलन हर क्षेत्र में विद्यार्थियों का भविष्य बनाने के लिए संकल्पित है। विद्यार्थी को अपने संकल्प के पूरे होने तक पढ़ते रहना है। अपने काम पर फोकस करते हुए यदि हम आगे बढ़ते रहेंगे तो निश्चित तौर पर अलग मुकाम स्थापित करेंगे।