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सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल : सांस्कृतिक प्रस्तुतियों संग 32वें संस्थापक दिवस का भव्य आगाज

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल, गोमती नगर में 32वा संस्थापक दिवस समारोह का आयोजन किया जा रहा हैं। गुरुवार को समारोह का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि मौजूद भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने किया।

भव्यता और उत्साह के साथ शुरू हुए इस समारोह में छात्रों की उल्लेखनीय प्रतिभाओं को उजागर किया गया। भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत और वसुधैव कुटुम्बकम के शाश्वत सार का सम्मान किया गया।


स्थापना दिवस में रचनात्मक कला, विज्ञान, साहित्य और सांस्कृतिक उत्कृष्टता सहित विभिन्न क्षेत्रों में वरिष्ठ छात्रों के प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन हुआ। स्कूल की प्रिंसिपल प्रोमिनी चोपड़ा ने अतिथियों का गर्मजोशी और उत्साह के साथ स्वागत किया।

भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ”संस्कृत में, “गुरु” शब्द का अर्थ है “वह जो अंधकार को दूर करता है”, जबकि “शिष्य” का अर्थ है वह शिष्य जो इस ज्ञान को प्राप्त करता है।

संस्थापक दिवस पर सेठ एम.आर. जयपुरिया स्कूल के अध्यक्ष शरद जयपुरिया और इंटीग्रल एजुकेशन सोसाइटी की उपाध्यक्ष अंजलि जयपुरिया की भी गरिमामयी उपस्थिति रही। संस्थापकों ने शिक्षा के भविष्य के लिए अपने प्रेरक दृष्टिकोण को साझा किया और समग्र विकास के महत्व पर जोर दिया।

शरद जयपुरिया ने कहाकि आपकी यात्रा इस बारे में है कि आप किस तरह का जीवन जीना चाहते हैं, अपने लक्ष्यों तक पहुँचने के लिए आवश्यक कौशल का निर्माण करें और एक-एक कदम आगे बढ़ते हुए स्थिर प्रगति करें। आगे की राह हमेशा आसान नहीं होगी।

उन्होंने कहाकि आपको रास्ते में असफलताओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन मुझे खुशी है कि जयपुरिया में हम ऐसे व्यक्तियों का निर्माण करते हैं जो इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। इसलिए, अपने अनुभवों को अपनी सफलता का माध्यम बनाएँ और आत्मविश्वास के साथ अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ें।”

छात्रों को मौन का महत्व समझाते हुए अंजलि जयपुरिया ने कहा, ”इस ब्रह्मांड में दो महान शक्तियां हैं: मौन और क्रिया। मौन जितना गहरा होगा, क्रियाशील शक्ति उतनी ही अधिक होगी। इसी तरह, किसी इमारत की नींव जितनी गहरी होगी, उसकी ऊंचाई उतनी ही अधिक होगी।