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बिरसा मुंडा ने प्रकृति व संस्कृति को बचाने प्रेरित किया : कुलपति

हिंदी विश्वविद्यालय ने मनाया जनजातीय गौरव दिवस

वर्धा (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर सिदो कान्हो मुर्मू दलित एवं जनजातीय अध्ययन केंद्र द्वारा बिरसा मुंडा के जयंती के उपलक्ष्य में जनजाति गौरव दिवस पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि बिरसा मुंडा को नमन करते हुए ब्रिटिश काल में शहीद हुए सभी जननायकों को याद कर उनके बलिदान को याद किया। उन्होंने कहा कि धरती पुत्र बिरसा मुंडा अपने समाज की रक्षा करने के लिए ब्रिटिशों से लड़े़।‌ वे प्रकृति की रक्षा करने व संस्कृति को बचाने के लिए पूरे जनजातीय समाज को प्रेरित करते रहे।

कुलसचिव प्रो. आनन्द पाटिल ने स्वागत वक्तव्य में जननायक बिरसा मुंडा के बलिदान का स्मरण किया। उन्होंने मुख्य वक्ता प्रोफेसर रामदास आत्राम का स्वागत किया। मुख्य वक्ता डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर सामाजिक विश्वविद्यालय, महू, मध्य प्रदेश के कुलपति प्रो. रामदास आत्राम ने जनजाति गौरव दिवस का परिचय कराया। उन्होंने जनजाति समाज और बिरसा मुंडा के जीवन-संघर्ष को बताते हुए ब्रिटिशों के शोषण से मुक्ति दिलाने, अपनी जमीन की रक्षा के लिए बिरसा मुंडा के संघर्ष पर विस्तार से चर्चा की।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. राकेश सिंह फकलियाल ने किया तथा डॉ. वरुण कुमार उपाध्याय ने आभार माना।‌ डॉ. किरण कुंभारे ने मुख्य वक्ता का परिचय कराया। कार्यक्रम में अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, छात्र तथा रिद्धपुर, प्रयागराज व कोलकाता क्षेत्रीय केंद्र के अध्यापक, विद्यार्थी बडी संख्या में उपस्थित थे।