लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ़ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में बुधवार को आयोजित पांचवे दीक्षांत समारोह में भारतीय परंपरा की झलक देखने को मिली। समारोह में स्टूडेंट्स व टीचर्स भारतीय परिधान धारण किए हुए थे। समारोह में कुल 1572 डिग्रियाँ प्रदान की गईं, जिसमें अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रम के लिए 673, पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रम के लिए 605, डिप्लोमा के लिए 250 और पीएच.डी. के लिए 44 डिग्रियाँ शामिल हैं।
इस अवसर पर कुलाधिपति अजय प्रकाश श्रीवास्तव और कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) भानु प्रताप सिंह ने छात्रों के समग्र विकास, नवाचार और सतत विकास के महत्व पर जोर दिया।
कुलाधिपति ने कहा, “हमारी शिक्षा प्रणाली को भारतीय ज्ञान प्रणाली और ध्यान के माध्यम से छात्रों में आत्म-निर्माण और मानसिक संतुलन की दिशा में आगे बढ़ाना चाहिए। यह उनके जीवन में स्थायी विकास के लिए आवश्यक है।”
कुलपति ने ध्यान की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा, “ध्यान एक साधना है जो छात्रों को मानसिक स्पष्टता और आंतरिक शांति की ओर ले जाती है। जिससे वे न केवल अपने व्यक्तिगत विकास को समझते हैं, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी समझते हैं।”
विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर आलोक धवन (निदेशक सेंटर फॉर बायोमेडिकल रिसर्च, लखनऊ) ने अपने संबोधन में कहा, “नवीनतम तकनीक और विज्ञान का उपयोग मानवता के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए। यह समय की आवश्यकता है कि हम अपनी प्रतिभाओं को उन तकनीकों की ओर मानवता के विकास में सहायक हों।”
मुख्य अतिथि प्रोफेसर केके पंत (निदेशक, आईआईटी रुड़की) ने कहा, “विज्ञान और तकनीकी नवाचार को मानवता की सेवा में लगाना चाहिए। हमें विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करना होगा कि वे इन तकनीकों का उपयोग कर विश्व में सकारात्मक बदलाव लाएं।”
कार्यक्रम का संचालन सांस्कृतिक समिति की संयोजक डॉ. रुपम सिंह और धन्यवाद ज्ञापन रजिस्ट्रार डॉ. गिरीश छिमवाल ने किया। उन्होंने सभी शिक्षकों और छात्र व छात्राओं का आभार व्यक्त किया और इस विशेष दिन की सफलता के लिए सभी के योगदान की सराहना की।
इस कार्यक्रम में महर्षि यूनिवर्सिटी के प्रो. (ग्रुप कैप्ट.) ओपी शर्मा (मेंबर बीओजी), राहुल भारद्वाज (मेंबर बीओजी), पंकज शर्मा, वरुण श्रीवास्तव (वित्त अधिकारी), लखनऊ और नोएडा कैंपस के अधिष्ठाता (शैक्षणिक) डॉ. नीरज जैन और डॉ. तृप्ती अग्रवाल, डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. सपन अस्थाना, डॉ. केके शुक्ला (परीक्षा नियंत्रक), डॉ. राजेश सिंह (वरिष्ठ प्रशासिनक अधिकारी), संदीप शर्मा (सहायक रजिस्ट्रार) कार्य परिषद् और विद्या परिषद् के सदस्य एवं यूनिवर्सिटी संकाय सदस्य सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी एवं अभिभावक उपस्थित रहे।
इस समारोह ने छात्रों को प्रेरित किया कि वे नवाचार और विज्ञान को मानवता के विकास के लिए उपयोग करें, साथ ही भारतीय ज्ञान प्रणाली और ध्यान के महत्व को समझें।