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प्रभु श्री राम को मनाने भरत ने किया वन प्रस्थान

जो तुम्हें प्राण से प्यारा है, उसका कल अभिषेक है…

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। ‘‘क्यों कोप भवन में बैठी हो, क्यों तुमको भारी पल-पल है? जो तुम्हें प्राण से प्यारा है, उसका कल अभिषेक है।’’ महल में रानी कैकेई को न देख राजा दशरथ कोप भवन में पहुंचते है और वहां कैकेई को दुखी होकर लेटा देख कहते है ‘‘हे रानी यह कैसा हाल बना रखा है, यहां क्यों लेटी हो क्या हो गया?’’ सेक्टर-ए सीतापुर रोड योजना कालोनी में चल रही रामलीला के 32वें मंचन के दूसरे दिन बुधवार को कलाकारों ने कैकेई-मंथरा संवाद, कैकेई-दशरथ संवाद, दशरथ मरण व भरत विलाप के दृश्य का बखूबी मंचन किया।

मंचन से पूर्व बतौर मुख्य अतिथि मौजूद विधायक डा. नीरज बोरा ने श्रीराम लक्ष्मण एवम माता सीता जी की आरती से रामलीला का शुभारम्भ किया।

विधायक डा. नीरज बोरा ने कहाकि रामलीला के मंचन के प्रति लोगों की रुचि कम होती जा रही है। लेकिन वो रामलीला का मंचन सफल है जहां प्रोफेशनल कलाकार नहीं बल्कि स्थानीय कलाकार किरदार निभाते हैं। ऐसी रामलीलाओं को देखने के लिए लोगों की रुचि बढ़ जाती है।

ननिहाल से लौटने पर पिता की मृत्यु, बड़े भाई राम के वनवास जाने व माता कैकेयी द्वारा राजगद्दी की बात सुनकर भरत विचलित हो जाते हैं और कहते हैं ‘‘ज्येष्ठ भ्राता के होते छोटा न राज कर सकता है…’’ और वह राम को मनाने के लिए वन को प्रस्थान करते हैं।

इस मौके पर क्षेत्रीय पार्षद मान सिंह यादव, पूर्व पार्षद रूपाली गुप्ता, इंस्पेक्टर अखिलेश मिश्रा, डा. अतुल मेहरोत्रा सहित काफी संख्या में स्थानीय निवासी मौजूद रहे। तीसरे दिन 10 अक्टूबर को भगवान शंकर जी की आरती, पंचवटी दृश्य, खरदूषण वध, सीताहरण, जटायु मरण, श्रीराम हनुमान भेंट, सुग्रीव मित्रता, बालि वध का मंचन होगा।