Tuesday , October 15 2024

शिक्षकों को नई तकनीकी से रहना होगा अपग्रेड : प्रो. जेपी पाण्डेय

  • एकेटीयू में शिक्षक दिवस समारोह का किया गया आयोजन, नौ शिक्षकों को दिया गया उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में गुरूवार को पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णनन जी की जयंती पर शिक्षक दिवस समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय से संबद्ध संस्थानों के नौ शिक्षकों को उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान दिया गया। पिछले सत्र में सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों का भी सम्मान किया गया।

इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. जेपी पाण्डेय ने कहा कि क्लासरूम में पढ़ाने वाला ही सिर्फ शिक्षक नहीं होता। जिससे भी शिक्षा मिले वह शिक्षक हो सकता है। एक बच्चे से भी बहुत कुछ सीख सकते हैं। उन्होंने शिक्षकों के सामने वर्तमान में अवसर और चुनौतियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सबसे ज्यादा चुनौतियां शिक्षकों के सामने हैं। एक शिक्षक के रूप में खुद को स्थापित करना महत्वपूर्ण है। इसके लिए शिक्षक को इनोवेटिव टीचिंग करनी होगी। क्योंकि आज का छात्र बहुत कुछ जानता है। वह तकनीकी में काफी दक्ष होता है। तकनीकी का प्रयोग कर वह क्लासरूम में पढ़ाई करने से पहले ही बहुत कुछ जानता है। ऐसे में शिक्षकों को नई तकनीकी से खुद को अपग्रेड रखने की जरूरत है। शिक्षकों को समय से एक कदम आगे चलना होगा। तभी उनकी प्रासंगिकता बनी रहेगी। क्योंकि राष्ट्रनिर्माण में शिक्षकों की अहम जिम्मेदारी है। शिक्षक ही युवाशक्ति को अपने मार्गदर्शन में सही दिशा दे सकता है।

समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद पं. दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर के पूर्व कुलपति प्रो. वीके सिंह ने कहा कि हर किसी में एक शिक्षक का कहीं न कहीं गुण होता है। जिससे समाज कोई न कोई सीखता है। लेकिन शिक्षक को शिक्षा के साथ ही छात्रों को संस्कार देने की जरूरत है। बिना संस्कार के शिक्षा घातक होती है।

उन्होंने इसका उदाहरण देते हुए बताया कि बड़े आतंकी संगठनों में काफी पढ़ लिखे शिक्षित लोग रहते हैं। मगर संस्कार विहीन होने की वजह से ऐसे लोग समाज के विनाश में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत का संस्कारयुक्त शिक्षा के लिए भारत सदियों से जाना जाता रहा है। तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालयों में पूरी दुनिया से लोग शिक्षा के साथ ही संस्कार लेने आते थे। वर्तमान में भी भारत इस दिशा में दूसरों से काफी आगे है। कहा कि शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षकों को आत्ममूल्यांकन करना चाहिए। एक शिक्षक के रूप में हमेशा नई पीढ़ी से सम्पर्क बना रहता है।

इन्हें मिला उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान

समारोह के दौरान विश्वविद्यालय के संबद्ध संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज अंबेडकरनगर के प्रो0 विशाल सिंह चंदेल, केआईईटी गाजियाबाद की डॉ0 मोनिका कौरव, यूनाइटेड कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग प्रयागराज के डॉ0 प्रवीण प्रताप सिंह, केआईईटी दिल्ली, एनसीआर गाजियाबाद के डॉ0 हर्ष खट्टर, गलगोटिया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, ग्रेटर नोएड के डॉ0 योगेश श्रीवास्तव, बीआईटी झांसी के डॉ0 अतुल कुमार द्विवेदी, नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी ग्रेटर नोएडा के डॉ0 शलाउद्दीन, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बांदा के डॉ0 पुष्पेंद्र सिंह, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज अंबेडकरनगर के डॉ0 सूर्यप्रकाश सिंह को उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान दिया गया।

पिछले सत्र में सेवानिवृत्त आईईटी के प्रो0 एचके पालीवाल, केएनआईटी सुल्तानपुर के डॉ0 राकेश कुमार सिंह और यूपीटीटीआई कानपुर के डॉ0 महेंद्र उत्तम को सम्मानित किया गया।

इसके पहले कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं पूर्व राष्ट्रपति डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णनन की प्रतिमा पर माल्यार्पण से किया गया। समारोह की रूपरेखा प्रो0 गिरीश चंद्रा ने प्रस्तुत की। जबकि संचालन एसो0 डीन इनोवेशन अनुज कुमार शर्मा और धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 पवन कुमार तिवारी ने दिया। इस दौरान प्रतिकुलपति एवं परीक्षा नियंत्रक प्रो0 राजीव कुमार, वित्त अधिकारी केशव सिंह, प्रो0 वंदना सहगल, प्रो0 नीलम श्रीवास्तव, प्रो0 वीरेंद्र पाठक सहित अन्य शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।