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IIT KANPUR : अंतरिक्ष विज्ञान और नवाचार के भविष्य के प्रति युवाओं को किया प्रेरित

कानपुर (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर, आईआईटी कानपुर के डिपार्ट्मन्ट ऑफ स्पेस, प्लैनिटेरी एण्ड ऐस्ट्रनामिकल साइंसस् एण्ड इंजीनियरिंग (SPASE) और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग ने अंतरिक्ष’24 कार्यक्रम की सह-मेजबानी की। जिसका उद्देश्य प्रतिभागियों में जिज्ञासा जगाना और वैज्ञानिक मानसिकता को बढ़ावा देना था। अपनी तरह के इस पहले ऐतिहासिक आयोजन में आईआईटी कानपुर के छात्रों, शोधकर्ताओं और स्थानीय स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों सहित लगभग 450 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

डिपार्ट्मन्ट ऑफ स्पेस, प्लैनिटेरी एण्ड ऐस्ट्रनामिकल साइंसस् एण्ड इंजीनियरिंग (SPASE) के प्रमुख प्रो. पंकज जैन और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रमुख प्रो. गोपाल कामथ ने सभी अतिथियों, वक्ताओं और उपस्थित लोगों का स्वागत किया। उन्होंने “अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की भूमिका: उद्योग-अकादमिक भागीदारी के माध्यम से क्षेत्रीय विकास के अवसरों की खोज” विषय पर चर्चा की। जिसमें शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दिया गया। बतौर मुख्य अतिथि मौजूद SIA-INDIA के अध्यक्ष और अनंत टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के चेयरमैन व एमडी डॉ. सुब्बा राव पावुलुरी ने भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान कार्यक्रम के महत्व पर अपने विचार साझा किए। आईआईटी कानपुर के उप निदेशक प्रो. ब्रज भूषण ने भी स्कूली छात्रों को इस तरह की पहल में अधिक सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।

यू.आर. राव सैटेलाइट सेंटर, बेंगलुरु की निगार शाजी ने “भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान कार्यक्रम” पर एक सम्मोहक मुख्य भाषण दिया। जिसमें भारत के विज्ञान मिशनों, तकनीकी चुनौतियों, उपलब्धियों और भविष्य के प्रयासों पर चर्चा की गई। पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के प्रो. संदीप साहिजपाल ने “अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र: हमारी वर्तमान समझ” पर एक लोकप्रिय विज्ञान व्याख्यान दिया, जिसके बाद एक आकर्षक प्रश्नोत्तर सत्र हुआ, जिसे छात्रों ने खूब सराहा।

प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल, (निदेशक, आईआईटी कानपुर) ने कहा, “राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर, अंतरिक्ष विज्ञान के विशाल क्षेत्र का पता लगाने और जश्न मनाने के लिए अंतरिक्ष’24 कार्यक्रम प्रतिभागियों के एक विविध समूह को एक साथ लाया। इस कार्यक्रम ने अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डाला और नवाचार को बढ़ावा देने में शिक्षा और उद्योग के बीच सहयोग के महत्व को मजबूत किया। मैं इस कार्यक्रम की सह-मेजबानी करने और उनके असाधारण प्रयासों के लिए डिपार्ट्मन्ट ऑफ स्पेस, प्लैनिटेरी एण्ड ऐस्ट्रनामिकल साइंसस् एण्ड इंजीनियरिंग (SPASE) और एयरोस्पेस विभागों को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिसने छात्रों और शोधकर्ताओं को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में ज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है।”

दिन के उत्तरार्ध में “अंतरिक्ष विज्ञान में प्रगति में भारत का योगदान” विषय पर एक पैनल चर्चा हुई। इस चर्चा में IUCAA, पुणे के प्रो. अजीत खेम्भवी, सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के प्रो. एमसी उत्तम, मनस्तु स्पेस के सह-संस्थापक और सीईओ तुषार जाधव और डिपार्ट्मन्ट ऑफ स्पेस, प्लैनिटेरी एण्ड ऐस्ट्रनामिकल साइंसस् एण्ड इंजीनियरिंग (SPASE) आईआईटी कानपुर के प्रो. अमितेश उमर जैसे पैनलिस्ट शामिल थे। पैनल ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में नवाचारों, शैक्षिक पहलों और इसरो और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग जैसे विषयों पर गहन चर्चा की।

अंतरिक्ष प्रदर्शनी में रॉकेट और सैटेलाइट पेलोड के मॉडल प्रदर्शित किए गए, जिन्हें इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (ISTRAC), लखनऊ द्वारा उदारतापूर्वक प्रायोजित किया गया। ड्रीम एयरोस्पेस, मनस्तु स्पेस, अनंत टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और सिनोमैट प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों के प्रदर्शनों के साथ-साथ एनजीओ शिक्षा सोपान और आईआईटी कानपुर की रॉकेट्री और स्पेस एक्सप्लोरेशन टीम (RaSET) के योगदान ने अंतरिक्ष अनुसंधान और शिक्षा में प्रगति पर प्रकाश डाला।

छात्रों और विद्वानों ने अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में शोध विषयों पर एक जीवंत पोस्टर सत्र के माध्यम से अपना काम प्रस्तुत किया। पोस्टर प्रस्तुतियों और प्रश्नोत्तर सत्र के लिए पुरस्कार स्प्रिंगर नेचर द्वारा प्रायोजित किए गए थे।

इस कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के 300 स्कूली छात्रों ने भाग लिया। जिनमें केन्द्रीय विद्यालय आईआईटी कानपुर और रंजीत सिंह रोज़ी शिक्षा केंद्र आईआईटी कानपुर के सहयोग से कानपुर नगर तथा कानपुर देहात जिलों के तीन अन्य सरकारी विद्यालय शामिल थे। अंतरिक्ष’24 कार्यक्रम ने अंतरिक्ष के प्रति उत्साही और नवप्रवर्तकों की एक नई पीढ़ी को सफलतापूर्वक प्रेरित किया।