लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। पानी के पाइप के लीकेज को दूर करने में जलकल विभाग की लापरवाही शहरवासियों पर भारी पड़ रही है। बारिश के मौसम में संक्रामक रोग फैलने का खतरा बढ़ जाता है। पिछले दिनों कई इलाको में संक्रामक रोग फैलने के मामले सामने आये है। संक्रामक रोग का मरीज़ मिलने पर जलकल विभाग को उस इलाके के पानी की सप्लाई रोकने का निर्देश है। लेकिन क्या सप्लाई रोक देने से लोगो को बीमारी से बचाया जा सकता है। कितने इलाके अभी भी ऐसे है जहाँ पर नलो से गन्दा पानी आ रहा है। जिसका सेवन करने से लोग बीमार पड़ रहे है।

मछली मोहाल, रिजवान वाली गली, सिटी टैंक वाली गली, बच्चन वाली गली, सुन्दरबाग़ पार्क, मुस्ताक पतंग मॉडल हाउस, बड़ा मैदान, सफदल बाग, सुन्दर बाग रमनबाला वाली गली, सीढ़ी वाली गली- नरही ये वो इलाके है जहाँ पर पीने की पाइप लाइन नालियों से होकर गुजरी है। पाइप लाइन की स्थिति बद से बदतर है। यहाँ के स्थानीय निवासियों का कहना है शिकायतों की कोई भी सुनवाई नहीं होती है। जलकल विभाग या नगर निगम कहीं पर भी शिकायत कर दीजिये कोई पुस्ताहल लेने वाला नहीं है।

लोगों का कहना है कि नगर आयुक्त जैसे अन्य मुद्दों के लिए शहर में जाते है वैसे ही हमारे इलाके में भी आये और देखे किस तरह जलकल के जिम्मेदार कार्य कर रहे है। जीएम जलकल को भी इलाको में आना चाहिए और देखे की पानी की व्यवस्था कितनी चरमराई हुई है।

आपको बता दे अभी हाल ही में महापौर की अध्यक्षता में जलकल के नए जीएम कुलदीप सिंह के साथ बैठक हुई थी इस मीटिंग में नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह भी थे। इस मीटिंग के दौरान जलकल विभाग के जीएम कुलदीप सिंह को नालियों से होकर जा रहे पानी के पाइप लाइन हटाने के निर्देश जारी हुए थे।
सवाल अब ये उठता है? मेयर के आदेश के बावजूद भी क्यों नाली से होकर गुजरे पाइप लाइन को हटाने में देरी हो रही है। क्यों जलकल विभाग अपने उच्च अधिकारियो के आदेशों की अवेहलना करता है।
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